नई दिल्ली: भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के कथित सहयोगी तारिक परवीन (Tarique Parveen) को ठाणे पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया, जहां आईपीएस अधिकारी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह आरोपियों में से एक है।
एक अन्य मामले में पहले से जेल में बंद 55 साल के तारिक अब्दुल करीम मर्चेंटा उर्फ तारिक परवीन ठाणे नगर पुलिस थाने में दर्ज मामले में वांछित था। वर्तमान प्राथमिकी में सिंह सहित 20 से अधिक लोगों के नाम हैं, जो मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त थे और कुछ अन्य पुलिस अधिकारी थे।
यह बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि सिंह और अन्य अधिकारियों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे पैसे निकाले, जब परमबीर सिंह ठाणे के पुलिस आयुक्त थे।
एक अन्य रंगदारी मामले में आरोपी परवीन तलोजा जेल में बंद था। मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया कि उसे ठाणे पुलिस को सौंप दिया जाए। ठाणे पुलिस ने उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उसे 22 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
इस मामले में अभी तक परमबीर सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें 'एंटीलिया बम डराने की घटना' (Antilia bomb scare incident) के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था। बाद में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसके कारण मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।
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