मुंबई : आर्यन खान को जमानत नहीं मिली है, इसके बाद वो फिलहाल ऑर्थर रोड जेल में ही रहेंगे,जज ने बेल अर्जी खारिज करते हुए कहा कि कारण बाद में बताएंगे। अब उनके वकील सेशन कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी देंगे , आर्यन के साथ ही मुनमुन और अरबाज की भी जमानत याचिका खारिज हुई है।
क्रूज ड्रग केस (Cruise Drug Case) में शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को राहत मिलती नहीं दिख रही है। आर्यन खान की जमानत याचिका पर जहां एक ओर कोर्ट में सुनवाई हुई, आर्यन खान को आर्थर रोड जेल की क्वारंटाइन सेल में रखा गया है। उसकी आरटीपीसीआर के माध्यम से रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन जेल के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, आरोपी को 7 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेल में रखा जाना चाहिए।
आर्यन खान को बैरक नंबर 1 में रखा गया है, जो कि स्पेशल क्वारंटाइन बैरक है।यह जेल की पहली मंजिल पर है।अंडरट्रेल्स के लिए कोई वर्दी नहीं।उसके लिए कोई विशेष उपचार नहीं।किसी भी अन्य कैदी की तरह व्यवहार किया।उनसे कोई विशेष अनुरोध नहीं है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) आर्यन एवं अन्य आरोपियों का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद आर्थर रोड जेल लेकर आई थी। तो दूसरी तरफ कोर्ट में आर्यन खान की जमानत अर्जी पर उनके वकील सतीश मानशिंदे और एनसीबी के वकील एएसजी अनिल सिंह के बीच बहस हुई, सभी आरोपियों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है।
कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहती एनसीबी
बताया जा रहा है कि एनसीबी ने सभी आरोपियों को आर्थर रोड जेल में पहुंचाने का फैसला किया है। वह जमानत याचिका पर फैसले का इंतजार नहीं करना चाहती। कोर्ट में एनसीबी ने जमानत अर्जी पर सुनवाई की पात्रता पर सवाल उठाया है। एनसीबी के वकील अनिल सिंह ने कहा कि पहले सुनवाई की पात्रता पर विचार होना चाहिए इसके बाद इस मामले में सुनवाई होनी चाहिए।
14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं आर्यन
गुरुवार को लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मामले में आर्यन खान और सात अन्य आरोपियों की हिरासत में 11 अक्टूबर तक मांगी थी लेकिन अदालत ने सभी आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आर्यन खान की ओर से पेश वकील सतीश मानशिंदे ने जमानत की अर्जी लगाई है जिस पर सत्र न्यायालय ने सुनवाई की। कोविड प्रोटोकाल के तहत आर्यन खान और अन्य आरोपियों की कोविड-19 रिपोर्ट जब तक निगेटिव नहीं आ जाती तब तक उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल नहीं भेजा जा सकता।
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