Nutritional Rehabilitation Center: कुपोषित बच्चों के लिए चलने वाला पोषण पुनर्वास केंद्र अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भवन स्थित एमसीएच भवन में चलेगा। इसका संचालन नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) के शिशु रोग विभाग द्वारा किया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र के नए भवन में 10 बेड की व्यवस्था हुई है। इस बारे में एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र में भर्ती मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने का प्रयास है। इसी दिशा में पोषण पुनर्वास केंद्र को अस्पताल के मुख्य भवन के नीचले हिस्से में शिफ्ट करा दिया गया है।
अब केंद्र में जो बेड लगाए गए हैं, वह हाईटेक हैं। बेडों पर ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन की सुविधा है। इसके अलावा इंफ्यूजन पंप और मॉनिटर की भी व्यवस्था की गई है। इसी भवन में शिशु रोग विभाग के लिए 42 बेड हैं। इनमें से एनआईसीयू के 12 बेड हैं। सभी में ऑक्सीजन पाइपलाइन और मॉनिटर हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद सिंह का कहना है कि इस पोषण पुनर्वास केंद्र में अति कुपोषित बच्चे 14 दिनों तक भर्ती रहकर अपना इलाज कराएंगे। जरूरत होगी तो बच्चों को यहां 21 दिनों तक भी भर्ती रखा जाएगा। बता दें एक से पांच साल के अति कुपोषित बच्चों को इस केंद्र में भर्ती लिया जाता है। पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी डॉ. अतहर अंसारी का कहना है कि हर बेड पर रोगी भर्ती है। इन बच्चों की देखभाल करने के लिए माताओं और उससे जुड़े लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
अस्पताल कें डॉक्टरों और कर्मचारियों का अटेंडेंस अब हाईटेक तरीके से बनेगा। अस्पताल परिसर में लगे हाईटेक कैमरे के सामने 10 सेकंड खड़ा रहने पर खुद अटेंडेंस मार्क हो जाएगा। आज से इसका ट्रायल शुरू किया गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि बिना मास्क, चश्मा पहने कैमरे के सामने खड़े होने पर ही अटेंडेंस मार्क होगा। इससे उनके आने-जाने का सही समय पता चल सकेगा।
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