Archaeological Exploration: पटना सिटी इलाके में ढाई हजार साल पुराने पाटलिपुत्र नगर होने की संभावना को देखते हुए, यहां इस महीने खुदाई शुरू होगी। पटना सिटी के 10 से अधिक जगहों पर खुदाई होगी। यह काम 20 जून के बाद शुरू होगा। इसके लिए आईआईटी कानपुर की टीम पटना आ रही है। टीम पहले इलाके का सर्वे करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर खुदाई शुरू होनी है। दरअसल, यह इलाका बेहद घनी आबादी वाला है।
इससे पहले इन जगहों का ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सर्वे (जीपीआर) कराया गया है। उसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। रिपोर्ट में सकारात्मक संकेत मिलने की पूरी उम्मीद है। बता दें कला संस्कृति व युवा विभाग का पुरातात्विक निदेशालय यह काम करा रहा है। इसकी शुरुआत बांका जिले के भदरिया गांव में इतिहास की खोज से हुई है।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मुताबिक पटना सिटी इलाके के भद्र घाट, महावीर घाट, गुलजारबाग राजकीय मुद्रणालय का खेल मैदान, बेगम की हवेली, बीएआर प्रशिक्षण महाविद्यालय का प्रशासनिक भवन एवं मैदान, सैफ खान का मदरसा, मंसूर मजार और मेहंदी मजार क्षेत्र का जीपीआर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने सर्वे के काम के लिए 8 लाख 19 हजार 200 रुपए मंजूर किए हैं। आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंस ने सर्वे एवं मैपिंग का काम किया है। दरअसल, जीपीआर सर्वे भूमिगत उपयोगिताओं की जांच करने के लिए उपसतह का सर्वेक्षण करने का एक तरीका है। इसमें उपसतह की छवि के लिए रडार का प्रयोग होता है। सर्वे की तकनीक से बिना खुदाई कराई जमीन से 15 मीटर नीचे तक की जानकारी हासिल हो जाती है। इससे उस इलाके को कोई नुकसान नहीं होता है।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशक दीपक आनंद ने कहा कि पटना सिटी के चिह्नित क्षेत्र के जीपीआर का सर्वे आईआईटी कानपुर की टीम करेगी। सर्वे की रिपोर्ट बनाई जा रही है। फाइनल रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में खुदाई एवं आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिए जाएंगे।
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