Patna Municipal Corporation: पटना को इस मानसून में जलजमाव से बचाने के लिए नगर निगम ने दो विशेष कार्य किए हैं। एक अतिसंवेदनशील इलाकों को चिह्नित किया है। दूसरा इन इलाकों में बचाव एवं जलभराव से निजात दिलाने के लिए विशेष टीम का गठन। यह टीम इन 11 इलाकों में 24 घंटे बिल्कुल अलर्ट मोड पर रहेगी। दरअसल, पटना नगर निगम ने शहर के 11 वार्डों के अलग-अलग क्षेत्रों को अतिसंवेदशील माना है। इन इलाकों में पाटलिपुत्र कॉलोनी, कंकड़बाग, पटना सिटी समेत कई पुराने मोहल्ले हैं।
इस बारे में नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि वह विशेष टीम और अतिसंवेदनशील इलाकों की खुद मॉनिटरिंग करेगी। एक सप्ताह बाद रात 12 बजे इन इलाकों में जलभराव से निजात को लेकर मॉकड्रिल किया जाएगा। जल निकासी की पूरी तैयारी की जांच की जाएगी।
नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि शहर में भारी बारिश होने के बाद भी जलभराव को अधिकतम 10 घंटे के अंदर खत्म करना है। पिछले कई साल से यह समय 12 से 15 घंटे तय था। जितनी जल्दी जल निकासी होगी, उतनी ही लोगों को कम परेशानी होगी। इसलिए पहले अतिसंवेदनशील इलाकों को चिह्नित किया गया है। इन इलाकों का चयन पिछले कई साल के अनुभव और अध्ययन के बाद हुआ है।
नगर आयुक्त ने कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि हर हाल में इस बार सभी वार्डों में 100 प्रतिशत नाला उड़ाही का काम होना चाहिए। हर दिन सुबह कार्यपालक पदाधिकारी अपने क्षेत्र में इस कार्य का निरीक्षण करेंगे। जल निकासी में आ रही परेशानी, नाला उड़ाही की गुणवत्ता और तकनीकी पहलुओं की जांच भी अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से की जाएगी। सभी अंचलों को कच्चा नाला निर्माण और पंप द्वारा जल निकासी की व्यवस्था के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
अजीमाबाद अंचल के वार्ड नंबर 56 और 54, पटना सिटी अंचल के वार्ड नंबर 68, पाटलिपुत्र अंचल के वार्ड नंबर 22 बी और 8, नूतन राजधानी अंचल के वार्ड नंबर 9 और 21, बांकीपुर अंचल के वार्ड नंबर 47 और 43, कंकड़बाग अंचल के वार्ड नंबर 55 और 30।
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