Bihar:'संतान' पैदा करने के लिए कैदी को 15 दिन के पेरोल पर छोड़ा, पटना हाईकोर्ट का अनूठा फैसला

Prisoner on Parole in Bihar:पटना हाईकोर्ट ने जिस आधार पर एक कैदी को 15 दिन की पेरोल दी है, वह एकदम जुदा है उसे संतान पैदा करने के लिए पेरोल दिया गया है।

Nalanda Bihar Prisoner on Parole
प्रतीकात्मक फोटो 

बंदियों को पैरोल मिलता रहा है मगर उसके लिए कोई वैलिड रीजन जो जस्टिफाई हो जैसे- स्वजनों के अंतिम संस्कार, घर में किसी की शादी ब्याह या कोई अन्य ऐसी इमरजेंसी.. मगर बिहार की पटना हाईकोर्ट ने एक ऐसे कैदी को पेरोल दिया है जिसकी चर्चा खासी हो रही है। बताया जा रहा है कि जेल में कैद एक कैदी को संतान उत्पत्ति के लिए (Prisoner on Parole in Bihar)पेरोल दिया गया है।

गौर हो ये अपने आप में अनूठा मामला है बताते हैं कि नि:संतान महिला की याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा काट रहे उसके पति को संतान उत्पत्ति के लिए 15 दिन की पेरोल की अनुमति दी है अदालत ने संतान उत्पत्ति को उसका मौलिक अधिकार माना है।

बताते हैं जिस कैदी को पेरोल मिला है उसका नाम विक्की आनंद है और वो हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहा है, यह सजा इसे वर्ष 2012 में सुनाई गई थी, तब से वह बिहारशरीफ की जेल में बंद है उसकी पत्नी रंजीता पटेल ने वंशवृद्धि के लिए पटना हाईकोर्ट में पैरोल देने की याचिका दायर की थी।

पत्नी ने दलील दी थी कि वह जीवनभर संतानहीन रह जाएगी

सुनवाई में पत्नी ने दलील दी थी कि पति की उम्रकैद के कारण वह जीवनभर संतानहीन रह जाएगी, मुजरिम की पत्नी की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कैदी को 15 दिन की पैरोल पर छोड़ने का फैसला सुनाया, कोर्ट के अलावा बाहर भी इस निर्णय की खासी चर्चा होती रही। अदालत ने उसकी दलील को तर्कपूर्ण मानते हुए यह निर्णय किया कि मुजरिम को 15 दिन के लिए जेल से बाहर आने दिया जाए,कानूनी मामले के जानकारों ने बताया कि बिहार में इस तरह के मामले में पेरोल मिलने का यह पहला आदेश है। 
 

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