Brachytherapy Machine: पटना में ही ब्रैकीथेरेपी मशीन से उपचार, कैंसर मरीजों को नहीं खर्च करनी पड़ेगी मोटी रकम

Patna Igims: कैंसर के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें सिकाई कराने के लिए प्रदेश से बाहर या बिहार में ही किसी निजी अस्पताल में मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी। पटना स्थित आईजीआईएमएस में कैंसर मरीजों की सिकाई की जाएगी। वहीं, राजवंशी नगर अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा बहाल कर दी गई है।

Cancer patients will be treated in IGISS
कैंसर मरीजों की आईजीआईएसएस में होगी सेंकाई  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • अंदरूनी अंगों के कैंसर की सिकाई के लिए खरीदी गई है ब्रैकीथेरेपी मशीन
  • अस्पताल में पहले से बहाल है कि लीनियर एसलेरेटर की सुविधा
  • फिलहाल शहर स्थित पीएमसीएच और एनएमसीएच में ब्रैकीथेरेपी की सुविधा नहीं है बहाल

Patna Cancer treatment: राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में अब कैंसर मरीजों की ब्रैकीथेरेपी मशीन से सिकाई की जाएगी। अस्पताल के स्टेट कैंसर सेंटर में ब्रैकीथेरेपी मशीन को इंस्टॉल कर दिया गया है। इस मशीन की खासियत है कि इसके माध्यम से अंदरूनी अंगों के कैंसर की सिकाई की जाती है। इस दौरान आसपास के अंगों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है। 

इस बारे में रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय सुमन का कहना है कि लीनियर एसलेरेटर की सुविधा अस्पताल में पहले ही बहाल हो चुकी है। जबकि पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) और नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में ब्रैकीथेरेपी की सुविधा नहीं है। 

पीएमसीएच का रेडियोथेरेपी विभाग टूटेगा

फिलहाल पीएमसीएच को विश्वस्तरीय बनाने का काम हो रहा है। इस कारण से यहां का रेडियोथेरेपी विभाग तोड़ा जाना है। एजेंसी फेब्रिकेटेड रूम की व्यवस्था कर देगी, जिसके बाद विभाग को तोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इन कारणों से अशोक राजपथ वाला पहला गेट बंद कर दिया जाएगा। इस बारे में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर का कहना कि मखनिया कुआं के सामने वाले गेट से मेडिकल इमरजेंसी (टाटा वार्ड), गाइनी, ओपीडी, आई, ईएनटी विभाग के मरीज आएंगे। गंगा पथ की ओर से भी मरीज आ सकते हैं। 

अस्पताल में ही मरीजों का होगा एक्स रे

शहर के राजवंशी नगर लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में ही अब मरीजों का एक्स रे किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने यहां दो तकनीशियन की भी प्रतिनियुक्ति कर दी है। इसके बाद मशीन उपलब्ध कराई गई है। पहले तकनीशियन नहीं रहने के चलते यहां एक्स रे नहीं होता था। मरीजों को अस्पताल के बाहर किसी निजी सेंटर से एक्स रे करवाकर उसे अस्पताल के डॉक्टर से दिखवाना पड़ता था। इससे मरीजों की मोटी रकम भी खर्च होती थी। अब अस्पताल में बेहद कम शुल्क पर एक्स रे होगा।

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