Patna Police Success: पटना में एटीएम में फेवी क्विक लगाकर कार्ड से उड़ा देते थे लाखों, 5 किए गए गिरफ्तार

Patna Crime: पटना में पुलिस ने पांच रुपये के फेवी क्विक से लाखों का रकम ठगने वाले पांच शातिरों को पकड़ा है। आरोपी फेवी क्विक को एटीएम लगा देते थे। पैसे निकालने के लिए लोग आते तो उनका एटीएम उसमें चिपक जाता। फिर ये मदद के नाम पर कार्ड निकाल लेते और ठगी को वारदात को अंजाम देते थे।

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पटना में पांच रुपए का फेवी क्विक लगाकर लाखों उड़ाने वाले 5 गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पुलिस को इनके पास 1.22 लाख रुपये और 50 से अधिक डेबिट कार्ड मिले
  • पटना के विजय नगर के पास ललित निकेतन कॉलोनी में रहते थे शातिर
  • छापेमारी के दौरान एक आरोपी भागने के चक्कर में छत से गिरा, इलाज जारी

Patna News: एटीएम में छेड़छाड़ करने के बाद फेवी क्विक लगाकर कार्ड चुराकर रुपये की निकासी करने वाले गिरोह के पांच शातिरों को पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने पकड़ लिया है। सभी आरोपी विजय नगर स्थित ललित निकेतन कॉलोनी में छिपकर रहा करते थे। इनके पास से पुलिस ने 1.22 लाख रुपये नकद, एटीएम खोलने के काम में आने वाला एक पिलास, अलग अलग बैंकों के 50 से ज्यादा डेबिट कार्ड, स्वैप मशीन, कार्ड क्लोनिंग में प्रयोग किया जाने वाला डिवाइस, दर्जन भर से अधिक फेवी क्विक समेत कई अन्य उपकरण को भी जब्त किया है। पुलिस इन सभी आरोपियों से पूछताछ करने जुटी है। कई अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है।

बता दें कि पत्रकार नगर सहित आसपास के थाना क्षेत्रों में ऐसी शिकायत मिल रही थी एटीएम में डेबिट कार्ड पता नहीं कैसे फंस जाता है। कुछ देर बाद एटीएम से रकम की निकासी हो रही है। पत्रकार नगर थाने की पुलिस इस मामले की छानबीन में जुट गई थी। बता दें कि शातिरों के ठिकाने की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस विजय नगर स्थित ललित निकेतन कॉलोनी में छापेमारी करने के लिए पहुंच गई।

ये हैं पकड़े गए आरोपी

मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी की भनक लगते ही एक शातिर भागने के क्रम में तीन मंजिला मकान की छत से नीचे गिर गया। इससे वह गंभीर रुप से जख्मी हो गया है। उसे इलाज के लिए भेज दिया गया है। वहीं उसके चार अन्य साथी भी पकड़े लिए गए हैं। बता दें कि इनकी पहचान आनंद, शुभम, अभीजीत कुमार, रिजु और नीरज के रूप में की गई है।

ये था ठगी का तरीका

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि, शातिर एटीएम बूथ के अंदर जाते थे। एटीएम मशीन में फेवी क्विक लगा देते थे। फिर बाहर टहलते रहते थे। जैसे ही कोई ग्राहक आकर एटीएम में जाकर रुपये निकालने के लिए डेबिट कार्ड मशीन में लगाता था, कार्ड मशीन में ही पूरी तरह चिपक जाता था। अब  शातिर वहां पहुंचते थे और सहायता के नाम पर ग्राहक से कहते थे पिन कोड डालने पर कार्ड अपने से बाहर आ जायेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं था। ग्राहक के चले जाने के बाद उपकरण से उस कार्ड को किसी तरह निकाल लेते थे। पिन कोड उन्हें पहले से पता चल जाया करता था। फिर वह उस कार्ड से स्वैप या किसी अन्य एटीएम से रुपये की निकासी कर लेते थे। 

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