पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल के बीच एक-दूसरे से खुद को अच्छा साबित करने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने गुरुवार को राजद के नेता तेजस्वी यादव पर नामांकन के दौरान चुनावी शपथ पत्र में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है। भाजपा के नेता सुशील मोदी ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, "विधानसभा में विपक्ष के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने राघोपुर से चुनाव लड़ने के लिए जो चुनावी पत्र दिया है, उसमें कई जानकारियां छिपाई गई हैं।"
मोदी ने कहा कि, "तेजस्वी के शपथ पत्र में 4 करोड़ 10 लाख रुपये का ऋण देने की बात कही गई है, लेकिन यह जिक्र नहीं है कि इस राशि का ऋण किस कंपनी को दिया गया और इसका पैसा कहां से आया?" मोदी ने यह भी कहा कि, "31 साल की उम्र में तेजस्वी 52 और तेजप्रताप 28 से ज्यादा संपत्ति के मालिक कैसे बन गए, जबकि कोई पुश्तैनी संपत्ति नहीं थी, यह उन्हें बताना चाहिए।"
मोदी के अनुसार, "तेजस्वी ने वर्ष 2015 के एफिडेविट में दिखाया था कि उन्होंने एक करोड़ सात लाख रुपये का ऋण किसी कंपनी को दिया, बिना किसी नौकरी, व्यवसाय के उनके पास इतना पैसा कहां से आ गया कि उन्होंने किसी को इतनी बड़ी राशि ऋण के तौर पर दे दी।"
मोदी ने यह भी कहा कि, "रघुनाथ झा और कांति सिंह से टिकट और मंत्री पद के बदले में उपहारस्वरूप मिली संपत्ति को तेजस्वी खरीद की संपत्ति बता रहे हैं।" भाजपा नेता ने कहा कि, "रघुनाथ झा ने 2005 में गोपालगंज में दो मंजिला मकान तेजस्वी और उनके भाई तेजप्रताप को उपहार दिया। कांति सिंह ने 2005 में ही पटना के चितकोहरा में मकान गिफ्ट दिया। लेकिन शपथ पत्र में गोपालगंज के दो मंजिला मकान का केवल ग्राउंड फ्लोर दिखाया गया।" उल्लेखनीय है कि मोदी इससे पहले भी राजद परिवार की संपत्ति को लेकर कई खुलासे कर चुके हैं।
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