Pune Water Supply: पुणे के किसानों को अब मिलेगा पूरा पानी, इन छह पंप हाउसों के लिए बनी ये योजना

Pune Water Supply: पुणे के किसानों के लिए अच्छी और राहत की खबर है। किसानों को पानी सप्लाई कर रहे 6 हाउस पंपों की मरम्मत का कार्य जल्द ही शुरू होने जा रहा है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

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पुणे के किसानों को अब मिलेगा पानी, नहीं होगी परेशानी  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पुणे में किसानों के लिए राहत की खबर
  • जल्द बेहतर की जाएगा पानी सप्लाई
  • छह पंप हाउसों की होगी मरम्मत

Pune Water Supply: महाराष्ट्र के पुणे में किसानों के लिए अच्छी खबर है। किसानों का पानी की फुल सप्लाई के लिए 6 पंप हाउसों के लिए खास योजना बनाई गई है। इस योजना से पुणे के किसानों को राहत जरूर मिलेगी। पानी की बेहतर सप्लाई के लिए कुल 6 पंप ठीक कराए जाएंगे, जिनमें 72 लाख 16 हजार रुपये का खर्च का अनुमान है। शहर में जगह-जगह पानी सप्लाई के लिए पंप हाऊस है। पिंपरी चिंचवड शहर को पवना बांध से पानीपूर्ति होती है। पालिका के थेरगांव गावठाण,लक्ष्मणनगर,कालाखडक,वाकड,पुनावले,सांगवी गावठाण,सांगवी पीडब्ल्यूडी,पिंपलेगुरव,रहाटणी,दापोडी,कृष्णानगर,पाटिलनगर,जाधववाडी,भोसरी गवली माथा,लांडेवाडी,दिघी,चर्‍होली और बोपखेल के पंपहाउस में मरम्मत कार्य कराया जाएगा।

गौरतलब है कि, पालिका के सेक्टर 10 गवली माथा तथा लांडेवाडी, दिघी, चर्‍होली और बोपखेल में शुद्ध पानी पूर्ति करने वाली पंप हाउस की मरम्मत से संबंधित कामों के लिए डेढ वर्ष की समयसीमा के लिए इच्छुक ठेकेदारों के लिए टेंडर मंगवाया गया। टेंडरों की प्रक्रिया पंपहाउस की मरम्मत के लिए 44 लाख रुपये खर्च अनुमानित है। 

इन 6 पंप हाउसों की मरम्मत किसानों को होगा लाभ

सेक्टर 10 व गवलीमाथा में टेंडर प्रक्रिया में चार ठेकेदारों के लिए टेंडर पेश किया गया। उसमें से एक्सेल अभियांत्रिकी टेंडर दर की तुलना में 18.90% कम मतलब 35 लाख 68 हजार रुपये की रकम भरी है। कम दर होने की वजह से टेंडर मंजूर किया गया। लांडेवाडी,दिघी,चर्‍होली व बोपखेल में टेंडर प्रक्रिया में तीन ठेकेदारों ने टेंडर भरे थे। इसमें से एक्सेल इंजिनियरिंग ने निर्धारित दर की तुलना में 17.10% मतलब 36 लाअख 47 हजार रुपये रकम भरा। दोनों कामों के लिए 72 लाख 16 हजार रुपये खर्च होने वाला है। इन सभी 6 पंप हाउसों की मरम्मत से किसानों के लिए पानी की पूर्ति ठीक हो जाएगी और इससे किसानों को काफी राहत भी मिलेगी। स्थानीय किसान पिछले काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे जो अब पूरी हो जाएगी। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही, तय ठेकेदार मरम्मत के कार्यों को शुरू कर देगा। इस सबके लिए डेढ़ साल का समय रखा गया है।

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