Malnutrition in Pune: पुणे जिला परिषद ने की बच्चों की जांच, सर्वेक्षण में मिले 220 गंभीर कुपोषित बच्चे

Malnutrition in Pune: जिला परिषद की ओर से महिला एवं बाल कल्याण एवं समेकित बाल विकास के तहत जिले भर में जीरो से 6 साल के बच्चों में कुपोषण व अन्य बीमारियों की जांच की गई। इस जांच के दौरान कुल 3.2 लाख बच्चों की जांच की गई।

Malnutrition Report in Pune
पुणे में हुआ बच्चों में कुपोषण का सर्वेक्षण (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पुणे जिला परिषद में किया बच्चों में कुपोषण का सर्वेक्षण
  • जिले भर में 220 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित है
  • 741 बच्चों में सामान्य कुपोषण के लक्षण पाए गए

Malnutrition in Pune: पुणे जिला परिषद के सर्वेक्षण के अनुसार जिले में कुल 220 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित, इसके अलावा 741 बच्चे सामान्य रूप से कुपोषित हैं। चिकित्सा अधिकारियों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुणे के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के पिछले एक महीने में 3.2 लाख बच्चों की जांच की। इस जांच में बच्चों के स्वास्थय को लेकर काफी गंभीर आंकड़े सामने आए हैं।

8509 बच्चों में से 2231 को नेत्र संबंधी उपचार की आवश्यकता थी। वहीं 451 को बचपन में होने वाली विभिन्न बीमारियां थीं। 2833 बच्चों में विभिन्न कमियां पाई गई। 2511 को ईएनटी (कान, नाक, गला) से संबंधित बीमारियां थीं। 338 को जन्म दोष था, जबकि 669 बच्चों में त्वचा रोग था। 15 तहसीलों अम्बेगांव, बारामती, भोर, दौंड, हवेली, इंदापुर, जुन्नार, खेड़, मावल, मुलशी, पुरंदर, शिरूर और वेल्हे में बच्चों की स्क्रीनिंग की गई।


जिला परिषद के सहयोग से हुआ सर्वेक्षण

जिला परिषद द्वारा महिला एवं बाल कल्याण एवं समेकित बाल विकास के तहत किये गये सर्वेक्षण के अनुसार 220 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए, तो वहीं, 741 बच्चे सामान्य रूप से कुपोषित पाए गए। सर्वेक्षण में पाया गया कि बाकी बच्चे स्वस्थ थे। कोरोना और बारिश के कारण कुपोषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं, किशोरियों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया है। जिले में गंभीर रूप से कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों का सर्वेक्षण किया गया। अब तक 77 हजार 773 बच्चों का सर्वे किया जा चुका है।

कुपोषण क्या है?

कुपोषण एक ऐसी स्थिति है जो अपर्याप्त पोषण के कारण कमजोरी और बीमारी का कारण बनती है। कुपोषण कोई बीमारी नहीं है, लेकिन अनुचित आहार, भूख और विटामिन की कमी बच्चों से शरीर को प्रभावित करती है।

जुन्नार तालुका में अधिक गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे

सर्वेक्षण में जिले के जुन्नार तालुका में सबसे अधिक 46 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे पाए गए। इसके बाद अंबेगांव तालुका में 31, बारामती और शिरूर तालुका में 28-28, दौंड और पुरंदर तालुका में 19-19, मावल में 14, हवेली में 10, मुलशी तालुका में 8, वेल्हा में 7, खेड़ और इंदापुर तालुका में 4-4 और भोर में 2 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए हैं।

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