Pune ST Employees Are On Strike : हड़ताल पर बैठ एसटी कर्मचारियों को इस तारीख तक लौटने की चेतावनी

Pune News: डिप्टी सीएम अजीत पवार ने हड़ताल पर बैठे महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) के कर्मचारियों को काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा दी है। उन्होंने कहा कि छात्रों की परीक्षा शुरू हैं और ऐसे में उन्हें आने-जाने के लिए ट्रांस्पोर्ट की जरूरत है।

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हड़ताल पर बैठ एसटी कर्मचारियों को इस तारीख तक लौटने की चेतावन  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • एसटी कर्मचारियों को काम पर लौटने की चेतावनी
  • डिप्टी सीएम अजीत पवार ने दी आखिरी चेतावनी
  • हड़ताल की वजह से छात्रों को हो रही परेशानी

Pune News: उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हड़ताली महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एसटी) के कर्मचारियों को काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा दी है। परीक्षा चालू है। छात्रों को एसटी चाहिए। कई छात्र कठिन क्षेत्रों से आते हैं। वे दूसरा वाहन नहीं ले सकते,इसलिए एसटी कार्यकर्ताओं से काम पर लौटने का अनुरोध किया है। जिन लोगों को सस्पेंड किया गया है उन्हें काम पर लौटने का मौका दिया गया है। 31 मार्च तक बिना किसी की सुने आकर एसटी ज्वाइन करें। अपना काम शुरू करें। अगर 31 मार्च तक इस पर अमल नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

डिप्टी सीएम ने कहा कि एसटी का प्रश्न हल हो गया है। अनिल परब ने कल एक समझदार भूमिका निभाई। उन्होंने एसटी कार्यकर्ताओं को एक आखिरी मौका दिया है। एसटी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के करीब ले जाया गया है। उनका वेतन बढ़ा दिया गया है। सरकार ने 10 तारीख तक श्रमिकों को भुगतान करने की जिम्मेदारी भी ली है। इसलिए कार्यकर्ताओं को अभी से काम करना शुरू कर देना चाहिए।

दो परियोजनाएं अलग हैं
यह झूठ है कि जुन्नर की सफारी को बारामती में शिफ्ट कर दिया गया है। बारामती परियोजना को 2016 में मंजूरी दी गई है। तो जुन्नर का प्रोजेक्ट अलग है। लेकिन कुछ लोग इसका राजनीतिकरण करने के लिए क्षमाप्रार्थी प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कल मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री से भी बात की थी। आदित्य ठाकरे के पास पर्यावरण विभाग है। सफारी के लिए स्थान निर्धारित करने के लिए वन विभाग जुन्नर में एक सर्वेक्षण कर रहा है। 

सोनिया, शरद, उद्धव की रजामंदी तक महाविकास अघाड़ी सरकार चलेगी
वहीं डिप्टी सीएम ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार ने उचित बजट पेश किया है। डिप्टी सीएम ने एक सवाल पर कहा कि आपका क्या मतलब है इसका जवाब देना मेरा काम नहीं है। अधिवेशन से पहले बहुत कुछ कहा जा चुका है कि ऐसा होगा लेकिन मैं दोहराता हूं कि जब तक सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे का फैसला है तब तक यह सरकार चलेगी.

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