Pune Crime News: गठिया और पक्षाघात से पीड़ित महिला मरीज का इलाज करने के नाम पर की 4 लाख की ठगी, 3 गिरफ्तार

Pune Crime News: पुलिस ने इलाज के नाम पर ठगी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी विकलांग लोगों को उनकी विकलांगता का इलाज करने का आश्वासन देते थे, जिसके बाद इलाज के नाम पर उनके साथ ठगी करते रहते थे।

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इलाज के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरफ्तार  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • पुलिस ने लोगों को इलाज के नाम पर ठगनी करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है
  • गठिया और पक्षाघात से पीड़ित महिला के साथ 4 लाख रुपये की ठगी
  • इलाज के नाम अब तक कई लोगों को बनाया अपना शिकार

Pune Crime News: पुणे पुलिस ने लोगों को इलाज के नाम पर ठगनी करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। कुछ शातिर बदमाशों ने 26 साल की गठिया और पक्षाघात से पीड़ित महिला के साथ ठगी की है। पीड़ित ने महिला गठिया और पक्षाघात का वैकल्पिक इलाज कराने का फैसला किया, लेकिन इलाज के नाम पर चाकन इलाके के चार लोगों ने उसे 4 लाख रुपये का चूना लगा दिया है। घटना का पता चलने के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीन लोगों- उमाजी गोसावी (19), संजू लिंबाजी गोसावी (30), और विश्वजीत लिंबाजी गोसावी (21) को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले में डॉ. रमेश जाधव नाम के एक और व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। 

तीन महीने में 4 लाख की ठगी

पुलिस जांच से पता चला कि तीनों आरोपी ने इसी तरह इलाज के नाम पर अन्य लोगों को भी ठगा है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि वह लंबे समय से इस बीमारी से पीड़ित थी। इस बीमारी से ज्यादा राहत न मिलने पर उसने वैकल्पिक इलाज कराने का फैसला किया था। इसके बाद उसे इन तीन लोगों के बारे में पता चला और उनसे इलाज कराने का फैसला किया। पीड़ित महिला ने इस साल मई से अगस्त तक तीन महीने से ज्यादा समय तक आरोपी डॉक्टरों द्वारा निर्धारित उपचार को लगन से अपनाया। इस दौरान पीड़िता ने अपने इलाज पर 4 लाख रुपये खर्च किए और बैंक लेनदेन के माध्यम से राशि का भुगतान किया, लेकिन राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला। आखिर में पीड़िता को महसूस हुआ कि उसे तथाकथित डॉक्टरों द्वारा ठगा जा रहा है और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

इन लोगों को बनाते थे अपना शिकार

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विकलांग लोगों को उनकी विकलांगता का इलाज करने का आश्वासन देते थे। ऐसे में इस मामले में शिकायतकर्ताओं की संख्या बढ़ने की संभावना है। आरोपियों को अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया। वहीं पुलिस उप-निरीक्षक प्रकाश राठौड़ है कि पीड़ितों में वह लोग शामिल हैं जिन्हें दृष्टि या श्रवण की परेशानी है। इस संबंध में चाकन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 417 (धोखाधड़ी के लिए सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), और 32 (कार्यों का जिक्र करने वाले शब्दों में अवैध चूक शामिल है) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

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