लोनावला के जंगलों में खो गया दिल्ली का इंजीनियर, घंटों से जारी है तलाश

Pune: लोनावला के जंगलों में ट्रैकिंग के लिए पहुंचा दिल्ली का इंजीनियर अचानक गायब हो गया। परिवारों वालों ने ढूंढने के लिए पुणे ग्रामीण पुलिस से गुहार लगाई। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

 Lonavala Naghphani forest
प्रतीकात्मक तस्वीर  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • लोनावला के जंगल में खोया दिल्ली का इंजीनियर
  • ट्रैकिंग करने पहुंचा था जंगल, हो गया गायब
  • पुणे ग्रामीण पुलिस ने शुरू की इंजीनियर की तलाश

पुणे के टूरिस्ट स्पॉट लोनावला में घूमने और ट्रैकिंग के लिए जंगल इलाके में पहुंचा दिल्ली का 24 वर्षीय इंजीनियर फरहान सिराजुद्दीन अचानक गायब हो गया। फरहान करीब एक सप्ताह पहले कोल्हापुर किसी काम से आया था, जिसके बाद वो घूमने के इरादे से पुणे पहुंच गया और यहां जंगलों में ट्रैकिंग करने जाने के बाद से लापता है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने फरहान को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। घंटों से पुलिस उसकी तलाश के लिए जंगल का कोना-कोना छान रही है। साथ ही घने जंगली इलाके में ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। 

डिप्टी एसपी राजेंद्र पाटिल ने इस बारे में बताया कि, 20 मई को फरहान ने ट्रैक करना शुरू किया था। ट्रैक करता हुआ फरहान नागफनी इलाके में पहुंच गया। जहां से वापस लौटते हुए वह रास्ता भटक गया। इस बारे में उसने अपने एक दोस्त को भी बताया जिससे 20 मई की दोपहर उसकी आखिरी बार फोन पर बात हुई थी। साथ ही फरहान ने अपने दोस्त से कहा था कि, अगर वह कुछ घंटों के अंदर जंगल से बाहर नहीं आता है तो उसे ढूंढने के लिए मदद मांगी जाए। इस बातचीत के बाद फरहान को फोन लगना बंद हो गया। फोन न मिलने पर फरहान के दोस्त ने परिजनों को सूचना दी।

ड्रोन का सहारा ले रही पुलिस

फरहान के जंगल में भटकने की खबर सुनते ही परिवार के लोगों ने पुणे पुलिस से संपर्क किया और कुछ मेंबर खुद भी पुणे पहुंच गए। दूसरी ओर पुलिस ने डॉग स्क्वाड, लोनावला इलाके के जानकार और आसपास के ग्रामीणों के साथ मिलकर फरहान की तलाश शुरू की। डिप्टी एसपी पाटिल ने आगे कहा कि, जो फरहान के फोन की लास्ट लोकेशन थी, उसके आधार पर हमने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। घने जंगलों के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। हमने कुछ ऐसे लोगों से भी पूछताछ की है जिन्होंने फरहान को नागफनी की चढ़ाई करते हुए देखा था। डिप्टी एसपी ने कहा कि, जहां से भी जिस भी तरह का सुराग मिल रहा है, हम उसी हिसाब से तलाश कर रहे हैं।

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