Pune Water Crisis: पुणे के इस क्षेत्र में अब नहीं होगी पानी की किल्लत, पीएमसी ने पूरा किया ये जरूरी काम

Pune Water Crisis: लंबे अर्से से पेयजल किल्लत झेल रहे पुणे के सिंह रोड़ इलाके के लोगों के लिए अब एक अच्छी खबर ये है कि जल्द ही इन इलाकों की पेयजल समस्या का निराकरण होगा। इसके लिए पीएमसी ने पुरानी मुख्य पानी की भूमिगत पाइपलाइनों को अतिरिक्त लाइन से जोड़ा है।

Pune Water Crisis
पुणेवासियों को जल्द मिलेगा हक का पानी  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • पुणे के सिंह रोड़ इलाके के लिए अब अच्छी खबर
  • पीएमसी ने पुरानी मुख्य पानी की भूमिगत पाइपलाइनों को अतिरिक्त लाइन से जोड़ा
  • पानी का इंतजार कर रहे हजारों लोगों की बुझेगी प्यास

Pune Water Crisis: लंबे अर्से से पेयजल किल्लत झेल रहे पुणे के सिंह रोड़ इलाके के लोगों के लिए अब एक अच्छी खबर ये है कि जल्द ही इन इलाकों की पेयजल समस्या का निराकरण होगा। इसके लिए पीएमसी ने पुरानी मुख्य पानी की भूमिगत पाइपलाइनों को अतिरिक्त लाइन से जोड़ा है। पाइप लाइनों को ठीक करने का काम पूरा हो चुका है। जिससे पथराई आंखों से पानी का इंतजार कर रहे इलाके के हजारों लोगों को फायदा मिलेगा।

लंबे समय से सूखे गले अब तर होंगे। इस मामले को लेकर कार्यकर्ता महेश पोकाले ने कहा कि यहां के वाशिंदें जल संकट से त्रस्त थे। जिसे लेकर योजना के तहत सभी पाइप लाइनों का सर्वे करवाया गया। इसके बाद उनमें मेन लाइन से अतिरिक्त लाइनों को जोड़ा गया। ताकि पानी को अधिक पंप किया जा सके। जिससे कम दबाव वाले इलाकों में सहजता से पूरी मात्रा में पानी आपूर्ति हो सके।

लो प्रेशर से पहुंच रहा था कम पानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि कुओं के जरिए पानी सप्लाई वाले इलाकों में लो प्रेशर से कम पानी पहुंच रहा था। लोगों ने जानकारी दी कि गर्मी व बारिश में देरी होने के कारण कुओं का जल स्तर कम हो गया था।

कई इलाके टेंकरों से बुझा रहे प्यास

इस मामले को लेकर यहां के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए नागरिक प्रशासन से संपर्क कर जल्द उपाय करने की मांग की गई। इसके बाद अब काम पूरा हुआ है तो लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं यहां के विशाल रोकाड़े ने बताया कि सिंह रोड़ इलाके की कई कॉलोनियों का वर्ष 2017 में पीएमसी में विलय होने के बाद भी समस्या मुंह बाए खड़ी है। अनियमित व लो प्रेशर पेयजलापूर्ति के चलते लोगों को पीने के पानी के लिए टैंकरों पर हजारों रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन को इन क्षेत्रों के लोगों की समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए। 

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