Pune Fraud: बेटी के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर महिला ने जीएसटी इंस्पेक्टर को ठगा, 8 लाख की चपत

Pune Fraud: पुणे में एक महिला ने अपनी जान पहचान राज्य के गृह मंत्री से बताकर एक जीएसटी इंस्पेक्टर से आठ लाख रुपये ठग लिए। महिला ने इंस्पेक्टर को आश्वासन दिया कि वो उनकी बेटी को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन जरूर दिलाएगी।

Woman cheated GST inspector
बेटी के नाम पर महिला ने जीएसटी इंस्पेक्टर को ठगा  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी
  • जीएसटी इंस्पेक्टर से महिला ने आठ लाख ठगे
  • राज्य गृह मंत्री से बताई थी अपनी जान पहचान

Pune Fraud: महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने एडमिशन दिलाने के नाम पर एक जीएसटी इंस्पेक्टर से आठ लाख की ठगी कर ली। महिला ने अपने अच्छे संपर्क दिखाते हुए वादा किया था कि, वह इंस्पेक्टर की बेटी को मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाएगी। महिला ने खुद को वकील बताया था। ठगी के बाद जीएसटी इंस्पेक्टर ने पुलिस थाने जाकर केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

जीएसटी इंस्पेक्टर शिवाजी पाटिल ने अपनी शिकायत में पुलिस से बताया कि, मुग्धा उर्फ मिताली कुलकर्णी नाम की एक महिला ने जीएसटी इंस्पेक्टर को झांसा दिया कि वह उनकी बेटी का एमबीबीएस कोर्स में डीवाई पाटिल कॉलेज में एडमिशन करवा देगी। महिला ने दावा किया कि उसके राज्य के गृह मंत्री के साथ अच्छे संबंध हैं और वह आराम से एडमिशन करवा देगी।

ऐसे हुई थी मुलाकात

जीएसटी इंस्पेक्टर की फ्रॉड महिला से एक कार्यक्रम के दौरान मुलाकात हुई थी। उस समय महिला ने अपना परिचय वकील के तौर पर दिया। इस दौरान पाटिल ने महिला को बताया कि, उसकी बेटी की रुचि डॉक्टर बनने की है लेकिन उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाया है। आरोपी ने पाटिल को बताया कि वह राज्य के गृह मंत्री से परिचित है और उससे वादा किया था कि वह डीवाई पाटिल कॉलेज में बेटी को एमबीबीएस में दाखिला दिलाएगी।

ऐसे की पैसों की बात

महिला ने जीएसटी इंस्पेक्टर को समझाया कि, कॉलेज में केवल एक आरक्षित सीट है और उसे सीट को सुरक्षित करने के लिए डोनेशन देने की जरूरत है। जिसके बाद पाटिल ने अपने बैंक खाते में 6 लाख रुपये ट्रांसफर किए और 2 लाख रुपये नकद में दिए। हालांकि बाद में उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है। जब पाटिल ने अपने पैसे वापस मांगे तो उसने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। अंत में, पाटिल ने वानावाड़ी पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।

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