Ranchi News: करंट से मौत पर होने पर झारखंड सरकार देगी इतना मुआवजा, पहले मिलते थे 2 लाख

Ranchi News: झारखंड राज्य के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा बिजली हादसों के बाद मिलने वाले मुआवजे में बदलाव किया गया है। शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार हादसे में मिलने वाली राशि के समान देगी सहायता।

harkhand government will give so much compensation on death due to current
बिजली से होने वाले हादसों में मौत पर मिलेगा 4 लाख का मुआवजा   |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • बिजली हादसे में पहले मिलता था 1.5 लाख का मुआवजा
  • अंग भंग होने पर भी पीड़ित को मिलेगी दो लाख रुपए तक सहायता राशि
  • बिजली चोरी या बिजली के तार से छेड़छाड़ पर हुए हादसे पर नहीं मिलेगा मुआवजा

Ranchi News: किसी व्यक्ति की बिजली हादसे में करंट की चपेट में आने से मृत्यु होने पर मिलने वाले क्षतिपूर्ति में अब बदलाव हुआ है। पहले यह क्षतिपूर्ति 1.5 लाख रुपए थी लेकिन, अब मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा यह राशि बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दी गई है। कंपनी और शासन के द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र के अंतर्गत किसी स्वाभाविक हादसों में दी जाने वाली सहायता राशि के समान ही यह मुआवजा राशि तय की गई है। ऐसे किसी भी हादसे में किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग भंग होता है, तो कंपनी के द्वारा पीड़ित को अब दो लाख रुपए तक सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। कंपनी ने यह संशोधन आदेश सभी मैदानी अधिकारियों को निर्गत कर दिया है।

बिजली के तारों का टूटकर जमींन पर आ गिरना और उसकी चपेट में आने वाले व्यक्ति की मौत हो जाने के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। विशेषतौर पर ग्रामीणांचल में ऐसे मामले ज्यादा है। कंपनी द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि को कम बता कर कई मामले कोर्ट में भी उठाए गए। इसके चलते कोर्ट के आदेश पर कंपनी को अच्छा खासा मुआवजा पीड़ित व उनके घरवालों को देना पड़ा। इसको देखते हुए अब बिजली कंपनी ने अपने पूर्व के इस आदेश में संशोधित किया है और शासन के नियमानुसार ही सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है।


इस प्रकार मिलेगी मुआवजे की राशि

बिजली हादसे में मृत व्यक्तियों के परिजनों को या ऐसी किसी घटना में अपने शरीर का अंग खोने वाले व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस सहायता राशि हेतु घटना की जानकारी मिलने पर संबंधित बिजली अधिकारी के द्वारा मौके पर पहुंचकर हादसे के कारणों की जांच की जाएगी। जांच के दौरान ही मृत व्यक्ति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ली जाएगी। इस सहायता राशि के स्वीकृति के लिए मृत्यु के समय तैयार किया गया पंचनामा तथा पुलिस थाने में दर्ज कायमी का अध्ययन होगा। तत्पश्चात् मृत व्यक्ति के परिजन व वारिस की पहचान करके संबंधित अधीक्षण यंत्री द्वारा उसे सहायता राशि प्रदान की जाएगी। कंपनी के द्वारा हादसे में परिवार के एक से ज्यादा लोगों की मृत्यु होने पर सहायता राशि प्रत्येक मृतक के हिसाब से दी जाएगी। मृत व्यक्ति में बच्चा भी शामिल माना जाएगा।


इन परिस्थितियों में नहीं मिलेगी मुआवजे की राशि

यदि ऐसा कोई हादसा बिजली चोरी के दौरान या फिर बिजली के तार से छेड़छाड़ करने के चलते होता है, तो इस स्थिति में कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता राशि नहीं दी जाएगी। वहीं अगर बिजली लाइनों के नीचे बिना इजाजत के कोई मकान बनाया जाता है और वहां कोई हादसा होता है, तो भी कंपनी सहायता राशि नहीं देगी। सिर्फ इतना ही नहीं बिजली मीटर के बाद वाली लाइन से किसी हादसे के घटित होने पर भी बिजली कंपनी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी।


ये हुए है बदलाव

कंपनी के द्वारा दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों व उनके आश्रितों को चार लाख रुपए दिया जाएगा। यदि हादसे में 40 से 60 प्रतिशत अंग भंग होता है, तो पीड़ित बाहरी व्यक्तियों को 59 हजार 100 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। I वहीं 60 प्रतिशत से ज्यादा विकलांगता की स्थिति में पीड़ित को 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

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