Ranchi Crime: रांची में पैसे डबल करने के लालच में फंसे लोग, 25 लाख से अधिक रुपये लेकर कंपनी फरार, जानिए मामला

Fraud Case In Ranchi: रांची में एक ठगी का मामला सामने आया है। जहां एक कंपनी ने लोगों से पैसे डबल करवाने का लालच देकर लाखों रुपये ऐंठ लिए। कंपनी अब रांची से फरार हो चुकी है। पीड़ित लोगों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। जांच शुरू हो गई है।

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रांची में पैसे डबल कराने के लालच में फंसे कई लोग, लाखों की ठगी कर कंपनी फरार   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • ठगी के शिकार लोगों ने दर्ज कराई एफआईआर
  • लाखों की ठगी के बाद कंपनी फरार
  • आरोप है कि कंपनी ने लालच देकर लोगों से जमा कराए पैसे

Ranchi News: रांची में पैसे डबल करने के नाम पर एक बार फिर ठगी का मामला प्रकाश में आया है। वेलफेयर ग्रुप ऑफ कंपनीज नाम की कंपनी ने लोगों को पैसे दोगुना करने का झांसा देकर 25.80 लाख रुपये की ठगी की घटना को अंजाम दिया है। लाखों रुपए ठगने के बाद कंपनी रांची से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर रफूचक्कर हो गई है। ठगी के मामले को लेकर इसके शिकार लोगों में से दो लोगों ने रांची कोतवाली थाना में अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई है।

बता दें कि वेलफेयर ग्रुप ऑफ कंपनीज नामक कंपनी पैसा दोगुना करने का लालच देकर दर्जनों खाताधारकों के 25.80 लाख रुपए से अधिक की रकम लेकर गायब हो गई। इस प्रकरण में रांची कोतवाली थाना में मो. अजहरूद्दीन अंसारी और महेश्वर महतो ने कंपनी के अधिकारियों पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करवाई है। दर्ज प्राथमिकी में कंपनी के निदेशक विशाखापट्टनम निवासी विजय कुमार माला, डोरंडा परासटोली के नवनीत कुमार पांडे, मो. अशरफ, रामजी राव और कंपनी को आरोपी तय किया गया है।

खाताधारकों को पैसा डबल करने का लालच

मिली जानकारी के अनुसार दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कोतवाली पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। रांची के रहने वाले मो. अजहरूद्दीन अंसारी की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बताया गया है कि उसे कंपनी से नौकरी का ऑफर किया गया। कंपनी के अधिकारियों ने उससे यह कहा था कि उन्होंने ग्रामीणों को पैसा डबल करने की स्कीम बताकर खाते खुलवाए और उनसे पैसे जमा करवाए। इसके एवज में उन्हें वेतन के साथ-साथ कमीशन भी मिलेगा।

पैसे वापस मिलने का केवल मिलता रहा आश्वासन

ज्ञात हो कि मो. अजहरूद्दीन ने 2011 से 2016 के बीच 53 से अधिक ग्रामीणों से कंपनी के खाते में पैसा जमा करवा दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने कुल 18 लाख 97 हजार 275 रुपए कंपनी के खाते में जमा कर दिए थे। 2016 में मैच्यूरिटी पूरी हुई और खाताधारक स्कीम के अनुसार पैसे की मांग करने लगे। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें पैसे नहीं दिए और बहाने बनाने लगे। मो. अजहरूद्दीन ने बताया कि 2018 में खाताधारक के साथ वह कंपनी के निदेशक से भी मिले। निदेशक से पैसा जल्द वापस करने का आश्वासन मिला था। मगर अभी तक राशि  का भुगतान नहीं किया गया। वहीं महेश्वर महतो की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में छह लाख 83 हजार 290 रुपए ठगने का आरोप कंपनी पर लगाया गया है।

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