Ranchi Municipal Corporation: रांची नगर निगम की ओर से लगवाये गये एचवाइडीटी (उच्च प्रवाही नलकूप) और मिनी एचवाइडीटी के फ्री में पानी का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को इसके बिजली के बिल का भुगतान करना होगा। जिन स्थानों पर ये नलकूप लगाये गये हैं, वहां इनकी देखरेख करने के लिए स्थानीय लोगों की एक लाभुक समिति बनाने की तैयारी है। अगले महीने होने वाली निगम बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव पास हो जाएगा। बैठक में मंजूरी मिलने के बाद इसे नियम के तौर पर पूरे रांची में लागू कर दिया जायेगा।
बता दें कि रांची नगर निगम ने शहर के जलसंकट वाले क्षेत्रों में 174 एचवाइडीटी और 1364 मिनी एचवाइडीटी लगवाया है। इन सभी जगहों पर बोरिंग करवाकर पानी की टंकी स्थापित कर दी गयी है। संबंधित इलाके के लोग यहां आकर पानी भरा करते हैं। नगर निगम की ओर से पानी के एवज में लोगों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। बता दें कि अब तक नगर निगम ही एचवाइडीटी का रखरखाव करता आ रहा था और इन्हें चलाने में खर्च होने वाली बिजली का बिल भी नगर निगम ही भरता था।
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक लोग एचवाइडीटी को सरकारी संपत्ति समझकर इसे प्रयोग में ले रहे थे। ऐसे में उनको बिजली बिल भरने और इसके मेंटेनेंस की चिंता नहीं रहा करती थी। बिल नहीं भरे जाने की वजह से जेबीवीएनएल ने पिछले वर्ष शहर में करीब एक दर्जन से ज्यादा एचवाइडीटी की बिजली का कनेक्शन ही कट कर दिया गया था। विभाग ने यह तर्क दिया था कि नगर निगम ने सभी स्थानों पर बिजली का कनेक्शन ले लिया है, लेकिन बिल का भुगतान नहीं करती है। इससे बिजली विभाग को राजस्व की बहुत हानि हो रही है। जेबीवीएनएल के सख्त कदम उठाने के बाद से नगर निगम ने सिस्टम बदलने की योजना बनायी और सभी स्थानों पर लाभुक समिति के गठन का निर्णय ले लिया।
मिली जानकारी के अनुसार हिंदपीढ़ी की हाजी माशूक गली में लगे मिनी एचवाइडीटी की पानी टंकी से स्थानीय लोगों ने कनेक्शन ले रखा था। शिकायत मिलने पर नगर निगम के वाटर बोर्ड की टीम जांच करने के लिए पहुंच गई। खुदाई करने पर जमीन के नीचे पानी की पाइपलाइन बिछी हुई मिली, जो घरों की छतों पर लगे टंकी तक जा रही थी। टीम ने सभी के मौके से कनेक्शन काट दिए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकी वाटर बोर्ड इसकी मंजूरी नहीं देता है।