Ranchi AQI: खराब हुई रांची की आबोहवा, शहर की इन 4 जगहों पर सबसे खराब एक्यूआई, जानें अपने क्षेत्र की हवा का हाल

Ranchi AQI: राजधानी की हवा बेहद खराब हो चुकी है। इस हवा से लोगों का दम घुट रहा है। शहर में कुछ जगह ऐसी हैं, जहां की हवा जहरीली हो चुकी है। यह अब अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बन गया है।

Ranchi's air turned poisonous
रांची की हवा हुई जहरीली (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • शहर के डुमसा टोली, गांधी नगर कांके रोड, कोकर और नया टोली की हवा सबसे खराब
  • रांची से भी खराब जमशेदपुर की हवा, आदित्यपुर और जमशेदपुर में एक्यूआई रेड जोन में
  • राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बनाया एक्शन प्लान

Ranchi AQI: रांची की आबोहवा खराब हो गई है। यह शहर देश के प्रदूषित शहरों में शुमार है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेड जोन में है। रांची से ज्यादा जमशेदपुर की हवा खतरनाक है। रांची में मंगलवार की देर शाम चार जगहों पर सबसे खराब हवा मिली। डुमसा टोली में एक्यूआई 102 था। यहां पीएम 2.5 की मात्रा 40 और पीएम 10 की मात्रा 77 थी। गांधी नगर कांके रोड पर एक्यूआई 114, पीएम 2.5 की मात्रा 44 और पीएम 10 की मात्रा 67 थी। 

इसी तरह कोकर का एक्यूआई 116 और पीएम 2.5 की मात्रा 48, पीएम 10 की मात्रा 86 था। नया टोली में 116 एक्यूआई मिला। यहां पीएम 2.5 की मात्रा 47 और पीएम 10 की मात्रा 96 था। जमशेदपुर में दो जगहों की हवा सबसे खराब मिली। जमशेदपुर मुख्य शहर में एक्यूआई 128 था। आदित्यपुर में एक्यूआई 128 था। यहां पीएम 2.5 की मात्रा 53 था। 

पर्यावरण में सुधार के लिए बना एक्शन प्लान

दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर पर्यावरण में सुधार के लिए धनबाद का एक्शन प्लान बनाया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (सीपीसीबी) के आदेश पर अब राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने रांची और जमशेदपुर का एक्शन बनाया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्शन प्लान को मंजूरी भी दे दी है। हालांकि इसमें कुछ सुधार किए जाएंगे, उसके बाद ही इसे शहरों में लागू किया जाएगा।  

सीपीसीबी ने जारी किए हैं यह निर्देश

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कई निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत रांची और जमशेदपुर जिले में वायु प्रदूषण के सभी मानक चिह्नित किए जाने हैं। एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग का दायरा बढ़ाया जाना है। उद्योग, वाहन, सड़क के धूल-कण, निर्माण गतिविधि, घरेलू फ्यूल, डीजी सेट से निकलने वाले प्रदूषण का अध्ययन करना है। ताकि उस आधार पर प्लान तैयार किया जा सके। 

अन्य जिलों के लिए भी बनाया जा रहा एक्शन प्लान

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव वाईके दास ने बताया कि, अन्य जिलों का भी एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। पर्षद अपने खर्च से गिरिडीह, बोकारो, साहिबगंज, दुमका, पलामू और चाइबासा का भी एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। 

अगली खबर