Career in Meteorology: अंतरिक्ष-विज्ञान में बनाएं करियर, मोटी सैलरी के साथ मिलेंगे करियर के शानदार अवसर

Career in Meteorology: करियर बनाने के लिए मेटिओरोलॉजी के क्षेत्र को काफी अच्‍छा माना जाता है। यहां पर मौसम विज्ञानी मौसम और जलवायु में होने वाले बदलाव को समझने और उनकी भविष्यवाणी करने के लिए विज्ञान और गणित का उपयोग करते हैं...

Career in Meteorology
मौसम विभाग में कोर्स और करियर ऑप्‍शन   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • साइंस स्‍ट्रीम से 12वीं करने के बाद छात्र कर सकते हैं कोर्स
  • मेटिओरोलॉजी में कोर्स करने के लिए मौजूद हैं कई शाखाएं
  • कोर्स पूरा कर पृथ्‍वी से लेकर आंतरिक्ष तक में बना सकते करियर

Career In Meteorology: मौसम में होने वाले बदलाव की जानकारी हर कोई लेना चाहता है। यही कारण है कि आज मौसम के क्षेत्र में रिसर्च के लिए सरकारी विभागों के अलावा कई प्राइवेट संस्‍था भी आ रही हैं। जिसकी वजह अब भविष्यवाणी करने वाली प्रयोगशालाओं, पर्यावरण और अंतरिक्ष रिसर्च में दमदार करियर बनाने के कई ऑप्‍शन मौजूद हैं। यदि आपको भी बादल, बरसात, हवा, आंधी-तूफान, समुद्र और बिजली में दिलचस्पी है तो आप मेटिओरोलॉजी में करियर बना सकते हैं। मौसम वैज्ञानिक का मुख्‍य कार्य पृथ्वी के वायुमंडल और भौतिक वातावरण, पृथ्वी का विकास, प्रभाव और परिणामों का अध्ययन करना होता है। मौसम विज्ञान का काफी विस्‍तार हो गया है। जिसकी वजह से इसमें अब कई कार्य क्षेत्र मौजूद हैं।

कोर्स और योग्यता

मौसम वैज्ञानिकों के क्षेत्र में जो युवा भविष्य बनाना चाहते हैं। उन्‍हें 12वीं साइंस स्‍ट्रीम से करना होगा। जिसके बाद वे मेटिओरोलॉजी से जुड़े अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं। ग्रेजुएट स्तर का कोर्स तीन साल का है। इसके बाद दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की जा सकती है। मेटिओरोलॉजी की कई शाखाएं हैं, जिनमें से किसी में भी अध्ययन कर अच्छा करियर बनाया जा सकता है। इसकी मुख्‍य शाखाओं में क्लाइमेटोलॉजी, डायनेमिक मेटिओरोलॉजी, फिजिकल मेटिओरोलॉजी, साइनोप्टिक मैटिओरोलॉजी, एग्रीकल्चरल मेटिओरोलॉजी और अप्लाइड मेटिओरोलॉजी शामिल है।

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फिजिकल मीटिअरोलॉजी

इस क्षेत्र में छात्रों को सोलर रेडिएशन, पृथ्वी में विलयन, निर्माण एवं वायुमंडलीय व्यवस्था आदी की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स को काफी टफ माना जाता है।

क्लाइमेटोलॉजी

क्लाइमेटोलॉजी में वैज्ञानिक जलवायु का अध्ययन करता है। इसमें किसी एक क्षेत्र में अध्ययन कर वहां के जलवायु में बदलाव व प्रभाव के बारे में विस्तार से शोध किया जाता है।

सिनॉप्टिक मीटिअरोलॉजी

इस क्षेत्र में वैज्ञानिक वायु, जल, अन्य मौसम तंत्र, कम दबाव के क्षेत्र, चक्रवात समेत पूरे विश्व के मौसम का सिनॉप्टिक रिसर्च किया जाता है।

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डाइनेमिक मीटिअरोलॉजी

वैज्ञानिक इसमें गणितीय सूत्रों के जरिए वायुमंडलीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं। इसे दो शाखाओं को मिलकर बनाया गया है, जिसकी वजह से इसे न्यूमेरिक मॉडल भी कहा जाता है।

एग्रीकल्चर मीटिअरोलॉजी

इस क्षेद्ध में वैज्ञानिकों द्वारा कृषि क्षेत्र का अध्‍ययन किया जाता है। इसमें फसलों की पैदावार एवं उससे होने वाले नुकसान में मौसम की भूमिका व सूचनाओं का आकलन किया जाता है।

अप्लाइड मीटिअरोलॉजी

इस क्षेत्र में वैज्ञानिक एअरकॉफ्ट डिजाइन, अर्बन प्लानिंग, एअर कंडिशनिंग, वायु प्रदूषण एवं नियंत्रण आर्किटेक्चरल डिजाइन, टूरिज्म डेवलपमेंट आदि के प्रति थ्योरी रिसर्च करते हैं।

जॉब के अवसर

इस क्षेत्र में कोर्स पूरा कर छात्र जहां रिसर्च व प्रोफेसर के तौर पर नौकरी कर सकते हैं। वहीं उपग्रह अन्तरिक्ष अनुसन्धान केन्द्र, मौसम प्रसारण केन्द्र, सैन्य विभाग, रेडियो और दूरदर्शन केन्द्र, पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियों, औद्योगिक मौसम अनुसन्धान संस्थाओं व विश्व मौसम केन्द्र में भी अच्छे पैकेज पर जॉब हासिल कर सकते हैं।

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