Computer Science vs Computer Engineering: कंप्यूटर साइंस और कंप्यूटर इंजीनियरिंग को कई लोग एक ही मानते हैं और इसे एक दूसरे के स्थान पर बोलने के लिए उपयोग करते हैं, लेकिन ये दोनों ही विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं। दरअसल, कंप्यूटर साइंस कंप्यूटर प्रोसेस का अध्ययन है जो डेटा के साथ काम करता है, वहीं कंप्यूटर इंजीनियरिंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलप करने के लिए कंप्यूटर साइंस को इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के साथ इंटीग्रेट करता है। दोनों अलग-अलग डिग्री प्रोग्राम प्रदान करते हैं, लेकिन आवश्यक कार्य और स्किल सेट अक्सर ओवरलैप होते हैं। यहां हम दोनों के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
कंप्यूटर साइंस उन प्रक्रियाओं की स्टडी है जो डेटा के साथ डील करते हैं। इन्हें प्रोग्राम के रूप में दर्शाया जा सकता है। कंप्यूटर साइंस का क्षेत्र हार्डवेयर सिस्टम, सॉफ्टवेयर सिस्टम, कंप्यूटर प्रिंसिपल और साइंटिफिक कंप्यूटिंग में समाहित है। इसमें छात्र कंप्यूटिंग विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला के बारे में सीखते हैं और कई क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स में भाग लेते हैं। ग्रेजुएशन लेवल पर कंप्यूटिंग के सिद्धांत और सॉफ्टवेयर सिस्टम डिजाइन करने की प्रैक्टिस के बारे में सिखाया जाता है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलप करना सिखया जाता है। यह कंप्यूटर साइंस को इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के साथ इंटीग्रेट करती है। कंप्यूटर इंजीनियर कंप्यूटिंग के कई पहलुओं में शामिल हैं। इसमें छात्रों को सर्किट डिजाइन से लेकर माइक्रोकंट्रोलर, माइक्रोप्रोसेसर, पर्सनल कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर के डिजाइन तक के बारे में बताया जाता है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रमुख टेक्निकल क्षेत्र साइबर सुरक्षा, मशीन इंटेलिजेंस, नेटवर्किंग, डिजाइन ऑटोमेशन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और बायोमेडिकल और एम्बेडेड सिस्टम हैं।
इनका कार्य वेबसाइट की कोडिंग, लेआउट और डिजाइन करना होता है। ये आवश्यकतानुसार वेबसाइटों को मेंटेन और स्केल भी कर सकते हैं।
इनका कार्य सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित करना और मौजूदा एप्लिकेशन को अपडेट और मॉडिफाई करना है। उनकी प्राइमरी जिम्मेदारियों में सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन विकसित करना शामिल है जो कंपनी की जरूरतों को पूरा करते हैं।
डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर का कार्य कंपनी का डेटा को मेनटेन और सुरक्षित करना है। उनके प्राइमरी ड्यूटी में डेटाबेस मैनेजमेंट, बैकअप और डिजाइन और इंप्लीमेंट करना शामिल है।
कंप्यूटर साइंटिस्ट नई तकनीकों का डेवलपमेंट कर साइंस या बिजनेस में वास्तविक समस्याओं पर लागू करने का कार्य करते हैं। उनकी प्राइमरी ड्यूटी एल्गोरिदम डेवलप करना या सरल बनाना है।
डेटा साइंटिस्ट बिजनेस में सुधार लाने वाले पैटर्न खोजने के लिए रॉ जानकारी का विश्लेषण करते हैं।
कंप्यूटर इंजीनियर का कार्य सॉफ्टवेयर का डेवलप, टेस्ट और मूल्यांकन करना है। ये कंप्यूटर गेम, बिजनेस एप्लिकेशन या यहां तक कि नए ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी काम कर सकते हैं।
क्वालिटी इंजीनियर प्रोडक्ट की क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए टेस्ट डेवलप करते हैं।
हार्डवेयर इंजीनियर कंप्यूटर के हार्डवेयर का डिजाइन, डेवलप और टेस्ट करते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मुख्य कार्य कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए गणितीय विश्लेषण करना और कंप्यूटर साइंस के प्रिंसिपल को लागू करना है।
फर्मवेयर इंजीनियर एल्गोरिदम बनाते और इंप्लीमेंट करते हैं। यह मोबाइल फोन, मेडिकल डिवाइस और रिमोट कंट्रोल जैसे हार्डवेयर को फंक्शन करने में सक्षम बनाता है।