Haryana Sarkari Jobs: हरियाणा के इस विभाग में निकली 3000 भर्तियां, देखें कौन कर सकता है अप्लाई

Haryana Jobs 2022: हरियाणा में खट्टर सरकार करीब तीन हजार पदों पर शिक्षा सहायकों की नौकरी निकालने की तैयारी कर रही है। ये सभी पदों पर होने वाली भर्ती अनुबंध से होगी...

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हरियाणा के इस विभाग में निकली 3000 भर्तियां  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • हरियाणा सरकार ने तीन हजार पदों पर निकाली भर्ती 
  • कॉन्ट्रेक्ट आधार पर होगी सभी भर्तियां 
  • नौकरी गवां चुके टीचरों को भी अच्छा मौका

Haryana Jobs: हरियाणा में बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है। मनोहर लाल खट्टर सरकार करीब तीन हजार पदों पर कला और शिक्षा सहायकों की कच्ची भर्ती की तैयारी कर रही है। कौशल रोजगार निगम को चयन प्रक्रिया शुरू करने की स्कूल शिक्षा विभाग ने मंजूरी दे दी है।

इन पदों में करीब दो हजार पद तो शारीरिक शिक्षा और करीब एक हजार पद कला शिक्षा सहायकों के भरे जाएंगे। सबसे खास बात है कि इन भर्तियों में खट्टर सरकार उन शिक्षकों को भी तवज्जो देगी जो सुप्रीम कोर्ट और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसलों के बाद नौकरी गंवा चुके हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार, कौशल रोजगार निगम के सीईओ डॉक्टर अनंत प्रकाश पांडेय को मौलिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने पोस्ट भरने के लिए पत्र भेज दिया है। इसके साथ-साथ सरकारी स्कूलों में खाली शारीरिक शिक्षा और कला शिक्षा सहायकों के पदों की लिस्ट भी सौंपी गई है।

अनुबंध के आधार पर होंगे शिक्षक

इन सभी टीचरों को एक साल के लिए अनुबंध के आधार पर रख जाएगा। जब अनुंबध यानी कॉन्ट्रेक्ट पूरा हो जाएगा तो काम की समीक्षा की जाएगी और अगर जरूरत रहेगी तो काम को देखते हुए एक साल के लिए अनुबंध को बढ़ा दिया जाएगा।

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नौकरी गंवा चुके टीचरों को भी मौका 

इस भर्ती में सबसे खास बात है कि रोजगार निगम के जरिए होने वाली भर्तियों में पीटीआई और ड्राइंग टीचरों को तरजीह दी जाएगी। साथ ही अनुभव के आधार पर अतिरिक्त नंबर भी दिए जाएंगे। वहीं हरियाणा रोडवेज के ड्राइवरों और कर्मशाला सहायक भी पक्के नहीं होंगे। करीब 200 ड्राइवरों को कच्ची नौकरी से ही संतोष करना पड़ेगा।

परिवहन विभाग ने इनकी सेवाएं कौशल रोजगार निगम को सौंपने का फैसला लिया है। इनके निगम में शामिल होने जाने का पत्र भी दे दिया गया है। हालांकि इस फैसले से विभाग के कर्मचारी नाराज हैं और विभाग के अनुसार ही सेवाएं रखने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में यूनियन बैठकें भी कर रहे हैं और विभाग के इस फैसले को कर्मचारी विरोधी करार दिया गया है।

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