Career After 12th: संस्‍कृत भाषा रोजगार देने में है नंबर है, मौजूद हैं ढेरो करियर ऑप्शन, जानें डिटेल

Jobs After Sanskrit: संस्कृत भाषा विश्‍व की सबसे पुरानी भाषा के बाद भी आज रोजगार देने वाले भाषाओं में शामिल है। इसमें पारंपपिक और आधुनिक शिक्षा हासिल की जा सकती है। संस्कृत का ज्ञान रिसर्च व अध्‍यापन से लेकर पूजा-पाठ, कुंडली मिलान, सोलह संस्कारों का संपादन स्वरोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराता है।

संस्‍कृत भाषा में कोर्स और बेस्‍ट करियर ऑप्‍शन
संस्‍कृत भाषा में कोर्स और बेस्‍ट करियर ऑप्‍शन   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • संस्‍कृत भाषा रोजगार देने वाले प्रमुख भाषाओं में से एक
  • संस्‍कृत में की जा सकती है पारंपपिक और आधुनिक शिक्षा
  • संस्‍कृत में रिसर्च से लेकर अध्‍यापन तक के कई कार्य शामिल

Career Options After Sanskrit: संस्कृत को हिंदी, पंजाबी, बांग्‍ला, मराठी जैसे भारत के कई भाषाओं की जननी माना जाता है। यह विश्‍व के सबसे प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। इसे देवभाषा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म अधिकांश ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। । यह भाषा अब एकबार फिर से युवाओं को अपनी तरफ खींचने लगी है। अब इस भाषा में रिसर्च से लेकर अध्‍यापन कार्य तक के कई कार्य हो रहे हैं। जिसकी वजह से छात्र अब इस भाषा को करियर बनाने के लिए एक भाषा के रूप में चुनना पसंद कर रहे हैं। संस्कृत भाषा की सबसे खास बात यह है कि इस भाषा की जानकारी होने के बाद युवाओं को जॉब के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता। संस्कृत का ज्ञान रिसर्च व अध्‍यापन से लेकर पूजा-पाठ, कुंडली मिलान, सोलह संस्कारों का संपादन स्वरोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध कराता है।

कोर्स व योग्‍यता       

अगर आप संस्‍कृत में दिलचस्‍पी रखते हैं तो असे शानदार करियर के रूप में चुन सकते हैं। आज के समय में छात्र संस्‍कृति में शिक्षा पारंपरिक व आधुनिक दोनों तरह से ले सकते हैं। संस्‍कृत में ग्रेजुएशन करने के लिए 12वीं की परीक्षा संस्‍कृत विषय में पास करना बेहद जरूरी है। 12वीं पास करने के बाद आप संस्कृत विषय के स्पेशलाइजेशन के साथ बैचलर ऑफ आर्ट एवं अन्य डिप्लोमा कोर्से कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद आप 2 साल की मास्टर ऑफ आर्ट्स संस्कृत भी कर सकते हैं। अगर आप संस्कृत में डॉक्‍टरेट की उपाधि लेना चाहते हैं, तो पीएचडी भी कर सकते हैं। संस्कृत का ज्ञान रखने वाले यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण करके संस्कृत में शोध कर सकते हैं। इसके अलावा संस्कृत साहित्य से संबंधित शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी उपलब्‍ध हैं।

Read More - Time Management: सफलता हासिल करने में समय की होती है अहम भूमिका, ऐसे करें टाइम मैनेजमेंट

करियर स्‍कोप

संस्‍कृत भाषा कोई आम भाषा नहीं है। यह भाषा देश से लेकर विदेशों में विख्‍यात है। भारत के अंदर संस्‍कृत को करीब 15 विश्वविद्यालय में विस्‍तार से पढ़ाया जाता है। इसका मुख्‍य कारण यह है कि संस्कृत को विश्व की सबसे पुरानी भाषा होने का गौरव मिला हुआ है। वहीं विदेशों में 250 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों में संस्कृत भाषा को पढ़ाया जा रहा है। इस भाषा में पढ़ाई के बाद कर्मकांडों कराने के अलावा आप संस्कृत भाषा के अनुवादक, लेखक, शिक्षक के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं। इसके साथ ही आप बड़े-बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर पुजारी भी बन सकते हैं।

Read More - Career Tips: कॉपरेट सेक्‍टर में सीआरएम को मिलती है लाखों की सैलरी, जानें कोर्स और करियर ऑप्‍शन की पूरी डिटेल

पारंपरिक शिक्षा के लिए

अगर आप संस्‍कृति में पारंपतिरक शिक्षा लेना चाहते हैं तो दिल्‍ली स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, बनारस स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्‍ली स्थित श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, बिहार स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बिहार और आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति संस्कृत विद्यापीठ में दाखिला ले सकते हैं। वहीं आधुनिक शिक्षा के लिए दिल्‍ली स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय, सेंट स्टीफंस कॉलेज, जेएनयू और पटना स्थित पटना विश्वविद्यालय, बनारस का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय बेस्‍ट ऑप्‍शन बन सकता है।

अगली खबर