लखनऊ। मौजूदा वित्तीय वर्ष में योगी सरकार का लक्ष्य 50 लाख युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार ने 5 दिसम्बर से मिशन रोजगार की शुरुआत की है। इस क्रम में अब तक 21,75443 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इसमें नियमित नियुक्तियों से लेकर आउटसोर्सिग, संविदा, निजी क्षेत्र, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार एवं मानव दिवस सृजन के जरिए उत्पन्न रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं।
प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग, विकास एवं औद्योगिक विकास प्राधिकरण, अलग-अलग आयोग,निगम,परिषद एवं बोर्ड, निजी क्षेत्र के संस्थान और कौशल प्रशिक्षण देने एवं स्वरोजगार में मदद करने वाले संस्थान ये अवसर उपलब्ध कराएंगे। अब तक एमएसएमई ( सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) ग्राम विकास, पंचायती राज, खेल, मत्स्य, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल, श्रम, बेसिक शिक्षा और लोकनिर्माण विभाग ने रोजगार और मानव दिवस सृजित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिले इसके लिए सरकार अभियान चलाकर जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जागरूकता कार्यक्रम के साथ लाभार्थी परक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। अधिक से अधिक युवा इस अभियान से लाभान्वित हो इसके लिए इन कार्यक्रमों के पहले सूचना विभाग इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेगा।
स्थानीय स्तर पर कम पूंजी, न्यूनतम जोखिम और बुनियादी संरचना में सर्वाधिक रोजगार देने वाले एमएसएमई सेक्टर की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस सेक्टर में अधिक से अधिक नई इकाइयां खुलें, पुरानी इकाइयां तकनीकी अपग्रेडेशन के जरिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ अपने उत्पाद की गुणवत्ता बाजार की मांग के अनुरूप बेहतर कर सकें इसके लिए बैंकर्स से समन्वय कर अभियान चलाकर ऐसे उद्यमियों को लोन दे रहा है।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 20 लाख नई और पुरानी इकाइयों को 75 हजार करोड़ रुपए ऋण देने का लक्ष्य है। अब तक 11 लाख से अधिक इकाइयों को करीब 30 हजार करोड़ रुपए के ऋण बांटे जा चुके हैं। अगर एक इकाई में औसत 4 से 5 लोगों को भी रोजगार मिले तो अकेले इसी सेक्टर में इस वित्तीय वर्ष में 80 लाख से एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।