नई दिल्ली : दुनिया जहां कोविड-19 के प्रकोप से त्रस्त है और इससे निकलने के लिए रास्त ढूंढ रही है। इसी बीच, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपनी एक नई थियरी एवं खोज से सभी को चौंका दिया है। न्यूसाइंटिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अंटार्कटिक इंपल्सिव ट्रांजिएंट एंटीना (एएनआईटीए) को चलाने वाली नासा की एक टीम ने अत्यधिक ऊर्जा वाले कणों से युक्त एक 'हवा' की खोज की है और एक समानांतर ब्रह्मांड होने की संभावना जताई है। हालांकि, नासा की इस थियरी पर वैज्ञानिकों ने संदेह जताया है।
अचंभित हुए वैज्ञानिक
दिलचस्प बात यह है कि यह 'हवा' पृथ्वी से ऊपर की तरफ जा रही है न कि अंतरिक्ष से पृथ्वी की तरफ आ रही है। यह 'असंभव लगने वाली घटना' ने वैज्ञानिकों को अचंभित कर दिया है। टीम के प्रमुख शोधकर्ता पीटर गोरहम की थियरी की मानें तो एक समानांतर ब्रह्मांड हो सकता है जहां पर समय विपरीत दिशा में चलता है। वास्तविकता की अगर बात करें तो यह अभी एक सिद्धांत मात्र है।
अनीता नाम के एंटीना न्यूट्रीनोस कणों का पता लगाते हैं
अनीता नाम के एंटीना के इस समूह को खासकर ब्रह्मांड में पाए जाने वाले न्यूट्रीनोस कणों के बारे में पता लगाने के लिए विकसित किया गया है। बहुत अधिक ऊर्जा वाले ये न्यूट्रीनोस बहुत बड़ी संख्या में सूर्य की तरफ से पृथ्वी की तरफ आते रहते हैं और ये बिल्कुल नुकसान रहित होते हैं। ये कण कभी कभार ही पदार्थ से नियोजित होते हैं लेकिन जब ऐसा कभी होता है तो अनीता जैसे उपकरण उसे पकड़ लेते हैं। ये एंटीना न्यूट्रीनोस के मूल स्रोत का भी पता लगा लेते हैं।
रहस्यमय खोजों में एक और कड़ी
नासा का यह ताजा शोध साल 2016 से उसके द्वारा सामने लाई गईं रहस्यमय एवं अजीब खोजों में एक और कड़ी है। अंटार्कटिका में स्थित नासा के एक दूसरे वेधशाला आइसक्यूब और अनीता ने बहुत बार कॉस्मिक किरणों के पृथ्वी से बाहर की तरफ फूटने की घटना को रिकॉर्ड किया है। वैज्ञानिक इस घटना को समझने और समझाने के लिए बहुत सारे सिद्धांत देते रहते हैं।
कई वैज्ञानिक इस थियरी से सहमत नहीं
वहीं, नासा की इस थियरी से कुछ वैज्ञानिक सहमत नहीं हैं। उनका अनुमान है कि 100 ट्रिलियन न्यूट्रीनोस प्रति सेकेंड हमारे शरीर से होकर गुजरते हैं। सीनेट का कहना है कि नासा ने जिन 'असमान घटनाओं' का पता लगाया है उन्हें फिजिक्स के नियमों से समझाया नहीं जा सकता।