Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य के इन 10 मंत्र में छिपा है जीवन रहस्‍य, समझ गए तो कभी नहीं मिलेगी असफल

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य द्वारा कही गई बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और काफी हद तक जीवन की सच्‍चाई को सटीक तरीके सब बताती हैं। यहां हम चाणक्‍य के 10 ऐसे मंत्र बता रहे हैं, जिसमें पूरे जीवन का अर्थ छुपा हुआ है।

Chanakya Niti
आचार्य चाणक्‍य के 10 सफलता मंत्र   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • भाग्य उन्हीं लोगों का साथ देता है जो लक्ष्‍य पर अडिग रहते हैं
  • व्‍यक्ति को ऋण, शत्रु और रोग को जल्द से जल्द चुका देना चाहिए
  • ऐसे व्‍यक्ति पर कभी विश्‍वास न करें जो नजर मिलाकर बात न करे

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना चाजा है। आचार्य विलक्षण प्रतिभा और असाधारण और बुद्धि के स्वामी थे। आचार्य ने अपनी इसी कुशलता से समूचे नंदवंश का नाश कर चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया। आचार्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षक कार्य करते हुए अनेकों रचनाएं भी की। उन रचनाओं में नीतिशास्त्र आज भी काफी प्रसिद्ध हैं। इसे लोग ‘चाणक्य नीति’ के तौर पर भी जानते हैं। इसमें लिखीं गई बातें व बताए गए उपाय आज के समय में भी सार्थक सिद्ध हो रही हैं। लोग अगर चाहें तो आचार्य के इन 10 मंत्रों का पालन कर अपने जीवन की तमाम मुश्किलों को आसानी से हल कर सकते हैं।

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आचार्य चाणक्य के 10 मंत्र

1. भाग्य उन्हीं लोगों का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकते और अडिग बने रहते हैं।

2. आचार्य के अनुसार व्‍यक्ति को ऋण, शत्रु और रोग को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। इन्हें जल्द से जल्द चुका देना चाहिए।

3. भगवान मूर्तियों मे नहीं बसता, व्‍यक्ति की अनुभूति ही उसका ईश्वर और आत्मा उसका मंदिर है। यही सच्‍चाई है।

4. मूर्ख व्‍यक्ति के साथ कभी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से हम खुद को ही नुकसान पहुंचाएंगे।

5. ऐसे व्‍यक्ति पर कभी विश्‍वास नहीं करना चाहिए जो आपसे नजर मिलाकर बात न कर पाए। एसे लोगों के मन में पाप होता है।

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6. व्‍यक्ति को हमेशा दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, अगर अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने का प्रयास करोगे तो आयु कम पड़ जाएगी।

7. प्रयास करने की जगह किस्मत के सहारे चलना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। ऐसे लोगों का जीवन बर्बाद होने में वक्त नहीं लगता है।

8. व्‍यक्ति कभी भी ऊंचे स्थान पर बैठकर सबसे ऊंचा नहीं हो जाता, व्‍यक्ति हमेशा अपने गुणों से ऊंचा होता है।

9. जिस तरह एक सुगंध भरा वृक्ष अपने आस-पास के जंगल को महक से भर देता है, उसी तरह एक गुणों से परिवूर्ण व्‍यक्ति से सारे कुल का नाम रौशन हो जाता है।

10. किसी भी व्‍यक्ति को उस स्थान पर कभी नहीं ठहरना चाहिए जहां उसकी इज्जत न हो, जहां जीविका का साधन न हो, जहां आपका कोई दोस्त नहीं हो और जहां ज्ञान देने का कोई साधन न हो।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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