Chanakya Neeti in Hindi: हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है, लेकिन सबके लिए मुमिकन नहीं होता है। कई बार तो अनजाने की गई कुछ गलतियां ही सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा बन जाती हैं। आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में लोगों को इस तरह की गलतियों के प्रति सचेत करते हुए कहते हैं कि ऐसी गलतियां कई बार इतनी खतरनाक होती हैं कि ये व्यक्ति की जीवन भर की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर देती हैं। ऐसे में इन गलतियों को तुरंत पहचान कर उन्हें दूर कर देना चाहिए।
किसी की नकल न करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कभी किसी दूसरे की नकल कर कोई कार्य नहीं करना चाहिए। लोगों को कोई भी कार्य शुरू करने से पहले अपनी योग्यताको देख लेना चाहिए, इसके बाद ही कार्य को शुरू करना चाहिए। कार्य करने से पहले यह आंकें लें कि मैं सफल हो पाऊंगा या नहीं। यदि सुनिश्चित हो जाएं तो योजना बनाकर काम शुरू करें। वरना बिना योजना के और बिना सोचे-समझे किया काम असफलता ही दिलाएगा।
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असफलता का डर
आचार्य चाणक्य का मानना है कि जब कोई कार्य शुरू कर दिया जाए तो असफलता के डर से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। जिस व्यक्ति के मन में असफलता का विचार आने लगता है उससे सफलता दूर होने लगता है और आखिर में उसे पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को कभी भी असफलता के डर से काम अधूरे मन से नहीं करना चाहिए।
काम अधूरा छोड़ना
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई कार्य शुरू कर दें तो उसे अधूरा न छोड़ें। कई बार कड़ी मेहनत करके लोग आधे रास्ते तक पहुंचते हैं और फिर जीत दूर देख अपना इरादा बदल काम अधूरा ही छोड़ देते हैं। आचार्य कहते हैं कि यदि गलतियां हुईं हैं तो उन्हें सुधारें और आगे बढ़ें, वरना कभी सफलता नहीं मिलेगी।
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दूसरों को योजना न बताएं
नीति शास्त्र में कहा गया है कि कुछ बातें अपने तक ही सीमित रखना बेहतर होता है। लोगों को अपनी योजना कभी भी किसी को नहीं बतानी चाहिए, चाहे वह आपका खास मित्र ही क्यों न हो। हो सकता है कि कोई आपकी योजना की जानकारी लेकर उसे आपके दुश्मन या कॉम्पटीटर तक पहुंच दे, इससे आपको कई मुश्किलें हो जाएंगी।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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