Chanakya Niti in Hindi: नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुखमय बनाने के कई राज बताए हैं। आचार्य कहते हैं कि जीवन को तकलीफों से मुक्त रखने के लिए निरोगी काया का होना जरूरी है। जो व्यक्ति खुद को बीमारियों से मुक्त और स्वस्थ रखता है वह हर कार्य में सफलता अर्जित कर जीवन को सुखमय बनाता है। वहीं इसके उलट जो लोग अपने स्वस्थ्य का ध्यान नहीं रखते और हर समय बीमार रहते हैं। वे सब कुछ पाकर भी जीवन भर कंगाल ही रहते हैं। ऐसे लोग जीवन में कोई भी कार्य करें, लेकिन सफल नहीं हो पाते हैं। इसलिए व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने स्वस्थ्य शरीर पाने के लिए तीन उपाय बताए हैं। आचार्य के अनुसार इन उपायों का अनुसरण कर कोई भी व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ्य बना सकता है।
भोजन और पानी का नियम
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए भोजन करने और पानी पीने का एक नियम होता है। भोजन करने से आधे घंटे पहले पानी पीना लाभकारी होता है। वहीं खाना खाने के बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीना भी शरीर के लिए अमृत के समान होता है। हालांकि ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। वहीं भोजन करने के उपरांत तुरंत बाद कभी भी पानी नहीं पीना चाहिए। यह विष के समान होता है। इससे पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता और शरीर में कई तरह के रोग पैदा होते हैं।
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आहार का नियम
आचार्य चाणक्य के अनुसार, शाक खाने से पाचन क्रिया सही रहती है, लेकिन इसके ज्यादा सेवन से शरीर में बीमारियां बढ़ती हैं। वहीं, दूध पीने से शरीर को बल मिलता है। इसी तरह मांसहर का सेवन करने से शरीर ताकतवर होता है। इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए इन तीनों तरह के आहार में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। इन सभी के समायोजन से संतुलित आहार करना चाहिए।
गिलोय सर्वोत्तम औषधि
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बीमारियों में उपयोग होने वाली सभी औषधियों में गिलोय सर्वोत्तम औषधि है। इस एकमात्र औषधि के सेवन से ही शरीर को कई रोगों से दूर रखा जा सकता है। वहीं इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। जो लोग गिलोय को अपनी दैनिक जीवन में शामिल करते हैं, बीमारी उनके आसपास भी नहीं आती है। इसलिए इस औषधि का सभी को सेवन करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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