बाबाधाम: 108 किलोमीटर की लंबी यात्रा फिर श्रद्धालु करते हैं भोलेनाथ के 'दर्शन' और जलाभिषेक

देवघर में विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले के पहले ही दिन दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ा और वहां सुबह से दर्शन और जल चढ़ाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। 108 किमी लंबे रास्ते में लाखों कांवड़िए पैदल चलकर यहां पहुंचते है।

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108 किमी लंबे रास्ते में लाखों कांवड़िए पैदल चलकर यहां पहुंचते है।  

देवघर: बाबाधाम देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक जो देवघर में है। झारखंड के देवघर में स्थित इस मनोकामना ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। यह सिलसिला रोजाना सुबह 4 बजे से शुरू होता है जो रात 10 तक चलता रहा है। गौर हो कि बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तर वाहिनी गंगा से लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में यह एशिया का सबसे लंबा मेला माना जाता है।

पहले ही दिन दोपहर एक बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां स्थित ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर चुके हैं।सावन महीने में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त मनोकामना शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं। सोमवार को आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है।

इस राजकीय मेले का औपचारिक उदघाटन बुधवार शाम को ही हो गया था, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से गुरुवार तड़के तीन बजकर पांच मिनट पर बाबाधाम मंदिर का पट खुलने के साथ इसकी शुरूआत हुई। मेला शुरू होने के ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की थी।गुरुवार को सुबह चार बजे से भक्तों को अरघा के जरिए जलाभिषेक की अनुमति दी गयी। बिहार के सुल्तानगंज से लेकर देवघर और दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर तक का इलाका बोल-बम के नारों से गुंजायमान है। 108 किलोमीटर लंबे मार्ग में कांवड़ियों का अबाध काफिला दिख रहा है। रास्ते में बिहार एवं झारखंड सरकार के साथ-साथ सैकड़ों संस्थाओं की ओर से सेवा एवं विश्राम शिविर बनाये गये हैं।

वीआईपी, वीवीआईपी दर्शन बंद

देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह बंद कर दी गयी है। मंदिर में ज्योतिलिर्ंग की स्पर्श पूजा की भी अनुमति नहीं दी गयी है। दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गयी है।मेला क्षेत्र में होल्डिंग पॉइंट, आवास,पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, साफ-सफाई की भी व्यवस्था पर निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।

एक महीने तक चलनेवाले श्रावणी मेले में इस बार 50 से 60 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बाबाधाम भगवान शंकर के 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक है। सावन महीने में लाखों भक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए देवघर पहुंचकर भगवान का जलाभिषेक करते हैं। देवघर में जलाभिषेक के बाद ज्यादातर श्रद्धालु दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर भी जाते हैं। यहां भी गुरुवार को सुबह 4.05 बजे श्रद्धालुओं ने बाबा पर जलार्पण शुरू किया। अनुमान है कि एक महीने तक चलनेवाले श्रावणी मेले में इस बार 50 से 60 लाख लोग पहुंचेंगे। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि इस बार सावन और भादो महीने में दो करोड़ से भी ज्यादा दर्शनार्थियों के पहुंचने का अनुमान है।

 देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है परंतु सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भेालेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं।इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं।   (एजेंसी इनपुट के साथ )

 
 

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