Balaram Jayanti 2022 Date, Time, Puja Vidhi, Shubh Muhurat: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती भारतवर्ष में धूमधाम से मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शेषनाग द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रूप में धरती पर अवतरित हुए थे। भारत के उत्तरी राज्यों में इस पर्व को हलषष्ठी या हरछठ के नाम से भी पुकारा जाता है। शास्त्र के अनुसार भगवान बलराम का शस्त्र हल और मुसल है इसलिए इन्हें हलधर भी कहा जाता है।
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आपको बता दें, बलराम जी को वासुदेव और देवकी की सातवीं संतान कहा जाता हैं। बलराम जयंती के दिन दूध और दही का सेवन करना वर्जित है। बलराम जयंती के दिन पूरी श्रद्धा के साथ विवाहित महिलाएं भगवान बलराम की पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन भगवान बलराम की मूर्ति को फूल और पत्तियों से सजा कर उनकी विषेष पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप ही बलराम जयंती के दिन व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो यहां आप इसकी सही तारीख जान सकते है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, बलराम जयंती हर साल सावन माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। कुछ जगहों पर वैशाख के महीने में भी बलराम जयंती मनाई जाती है। इस साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बलराम जयंती 17 अगस्त यानी कल धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और बलराम जी की पूजा करते हैं।
भारत में बलराम जयंती सावन पूर्णिमा या रक्षा बंधन के छह दिन बाद मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि 16 अगस्त, मंगलवार को रात 08:17 से प्रारंभ हो रही है और 17 अगस्त, बुधवार को रात 08:20 पर समाप्त हो रही है। अच्छी फसल और सुख-शांति के लिए इस दिन बलराम जी की पूजा की जाती है।
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