नई दिल्ली: हिंदू धर्म में दीपावली पांच पर्वों की पुनीत परंपरा है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। पौराणिक मान्यताओं में धनतेरस के दिन खरीदारी को काफी शुभ माना जाता है जो सबके लिए सौभाग्यवर्धक होता है। इस दिन अपनी-अपनी प्रिय चीजों की खरादारी की जाती हैं जिसमें सोना,चांदी,वाहन,घर आदि हो सकते हैं। धनतेरस की दस्तक ही दीपावली के आगमन का सूचक है। अमूमन धनतेरस के दिन सोने और चांदी के बने आभूषण और सिक्के खरीदने की सदियों पुरानी सनातन परंपरा है जो चली आ रही है। आईए हम आपको बताते हैं कि इस दिन क्या-क्या खरीदना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन बर्तन,सोना, चांदी और पीतल सहित कई अन्य सामान खरीदने से उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है। यही वजह कि धनतेरस पर ज्यादातर घरों में लोग बर्तन, झाड़ू जैसे कई सामानों की खरीदारी करते हैं। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। भगवान धन्वंतरि धनत्रयोदशी के दिन हाथ में चांदी का पात्र लेकर उत्पन्न हुए थे। इसलिए इस दिन चांदी का बर्तन, चम्मच या चांदी के आभूषण खरीदने का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन चांदी खरीदने से सौभाग्य खुलता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन चांदी की कोई भी वस्तु खरीदने से घर में खुशहाली आती है।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
धनतेरस के दिन आपको लक्ष्मी पूजा के लिए माता लक्ष्मी तथा गणेश जी की मूर्ति खरीदनी चाहिए क्योंकि इसी मूर्ति का दिवाली के दिन पूजा किया जाता है। माता लक्ष्मी की धन वर्षा करती हुई मूर्ति दिवाली के लिए उपयुक्त मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि धन्वंतरि को पीतल बहुत प्रिय है, इसलिए धनतेरस के दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।
मिट्टी के दीये
दिवाली प्रकाश यानी रोशनी का पर्व है। ऐसे में धनतेरस के दिन मिट्टी के दीपक जरूर खरीदें। इसके बिना दिवाली अधूरी मानी जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बताशे, कुमकुम, धनिया की खरीदारी भी जरूर करनी चाहिए। इसी दिन आप कमलगट्टा आदि की भी खरीदारी कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि कमलगट्टा का माला और पांच सुपारी दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के चरणों मे जरूर अर्पित करना चाहिए।
धनतेरस के दिन खरीदा जाता है झाड़ू
धनतेरस यानी तेरह। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस दिन जिन चीजों की खरीदारी की जाती है वह तेरह गुना और बढ़ जाती है। इसलिये धनतेरस के दिन सोना, चांदी, भूमि, वाहन और बर्तन खरीदे जाते हैं। इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर में झाड़ू के पैर लग जाए तो इसे अशुभ माानते हैं। इसलिए घर में झाड़ू से घर साफ करने के बाद ऐसी जगह रखा जाता है जहां पैर नहीं लगे। क्योंकि झाड़ू का मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
धनतेरस कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस के दिन झाड़ू शाम के वक्त ही खरीदना चाहिए लेकिन अगर खरीदारी शुभ मुहूर्त में की जाए तो और शुभ है।
झाड़ू मां लक्ष्मी का स्वरूप
मत्स्य पुराण के मुताबिक झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दुष्ट शक्तियों का सर्वनाश करने वाला भी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है और इससे दरिद्रता का नाश होता है। धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है, ऐसा भी माना जाता है। इसलिए इस दिन झाड़ू खरीदने की पुरानी परपरा है। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से लक्ष्मी माता रुठकर घर से बाहर नहीं जाती हैं और वह घर में स्थिर रहती है। इस दिन लोग झाड़ू खरीदकर अपने घरों में रखते हैं और लक्ष्मी माता का स्वागत करने के लिए पूरी रात जगते हैं। झाड़ू से घर में सकारात्मकता का संचार होता है। यही वजह है कि हर घर में सफाई के तौर पर सबसे पहले झाड़ू लगाया जाता है।
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