Chanakya Niti: लाइफ में मिले यदि इन खास लोगों का साथ, आसानी से पार कर लेंगे मुश्किल समय

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य के अनुसार व्‍यक्ति के जीवन में सफलता और असफलता पाने में साथ रहने वाले लोगों का सबसे ज्‍यादा योगदान रहता है। अगर जीवन में एक समर्थन देने वाला पुत्र, साथ निभाने वाली पत्‍नी और सच्‍चा दोस्‍त मिल जाए तो व्‍यक्ति का जीवन सफल हो जाता है।

Chanakya Niti in Hindi
Chanakya Niti 
मुख्य बातें
  • बेटे के समर्थन से पिता को मिलती है ताकत
  • साथ निभाने वाली पत्‍नी हर मुश्किल में रहती है साथ
  • सच्‍चा दोस्‍त का जीवन को सफल बनाने में बड़ा योगदान

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के दौर में भी समाज, परिवार व व्‍यक्ति को जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्‍य नेअपने नीतिशास्‍त्र में पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्‍य जीवन, समाज और जीवन में सफलता से जुड़े तमाम चीजों पर अपनी राय जाहिर करने के साथ इसके समाधान भी बताए हैं। आचार्य चाणक्य का नीतिशास्‍त्र व्‍यक्ति को हमेशा मुसीबत के समय में सही सलाह देती हैं। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्‍त्र में उन लोगों के बारे में भी बताया है, जिससे मुश्किल समय में व्‍यक्ति को लड़ने की ताकत मिलती है।

श्लोक

संसारातपदग्धानां त्रयो विश्रान्तिहेतवः।

अपत्यं च कलत्रं च सतां संगतिरेव च॥

पुत्र का समर्थन
आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि, जिस व्यक्ति के पास माता-पिता का ख्याल रखने वाला पुत्र होता है। वह व्‍यक्ति सही रास्ते में चलकर अपने लक्ष्य को पाता है, उसे अपने परिवार की ज्‍यादा चिंता नहीं करनी पड़ती है। ऐसा पुत्र आने वाले समय में अपने माता-पिता, कुल के साथ-साथ समाज का भी नाम रोशन करता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, जिस व्‍यक्ति के पास भी ऐसा पुत्र हो, उस व्यक्ति का पूरा जीवन सुख के साथ बीतता है।

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पत्नी का साथ
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस व्‍यक्ति की पत्नी सुशील और संस्कारी होती है, उसका पूरा जीवन सुख व आराम के साथ बीतता है। ऐसी पत्नी इंसान के हर सुख-दुख में साथ देने के मुश्किल समय में भी अपने पति के सामने ढाल की तरह खड़ी रहती हैं। जिस व्‍यक्ति को ऐसी पत्‍नी का साथ मिलता है, वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है।  

सही दोस्‍तों की संगति

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, व्‍यक्ति की सफलता और असफलता में सबसे बड़ा हाथ उसकी संगत का होता है। ज्‍यादातर लोग गलत और सही का फर्क नहीं कर पाते और अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। यदि व्‍यक्ति किसी दुराचारी, दुष्ट स्वभाव या फिर दूसरों को हानि पहुंचाने वाले व्यक्ति से मित्रता करता है। यह आपके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए व्‍यक्ति को दोस्त सोच समझकर बनाना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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