आचार्य चाणक्य को जीवन का दर्शन ज्ञाता भी कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन का जो भी अनुभव प्राप्त किया उसका चाणक्य नीति में उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य की इन्हीं नीतियों के बल पर कई राजा महाराजाओं ने अपना शासनकाल चलाया, आज भी ये नीतियां मनुष्य के जीवन में काफी प्रासंगिक हैं। इन नीतियों को आप अपने जीवन में लागू कर सफल और सुखद जीवन की कामना कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को समाज में इज्जत सम्मान दिलाने के साथ बदनामी के जाल में फंसने से बचाने के भी तरीके बताए हैं। इन नीतियों को आप अपने जीवन में लागू कर समाज में बदनामी से बच सकते हैं।
झूठ ना बोलें
आचार्य चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। जो व्यक्ति झूठ का सहारा लेकर किसी कार्य को करता है, उसे एक दिन समाज में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भूलकर भी झूठ का सहारा लेकर किसी कार्य को ना करें।
इधर की बात उधर करने वाला व्यक्ति
आचार्य चाणक्य कहते हैं जिस व्यक्ति का स्वभाव एक दूसरे की बातों को इधर उधर करना होता है। यानि जो आपकी बात किसी दूसरे को और दूसरे की बात आपको बताता है, उसे एक दिन समाज में जरूर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। दूसरों की बुराई करने वाले व्यक्ति को समाज में कभी सम्मान नहीं मिलता।
दूसरों को नीचा दिखाना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति समाज में किसी को नीचा दिखाने के लिए धन का दुरुपयोग करता है, उसे जीवन में कभी सफलता हासिल नहीं होती और ना ही कभी समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति से लोग दूर रहना पसंद करते हैं।
घमंडी और स्वार्थी व्यक्ति
आचार्य चाणक्य के अनुसार घमंडी और स्वार्थी व्यक्ति को समाज में कभी सम्मान की प्राप्ति नहीं होती। घमंडी और स्वार्थी व्यक्ति हमेशा अपना फायदा सोचते हैं। ऐसे व्यक्तियों के साथ लोग समाज में उठना बैठना भी पसंद नहीं करते। इसलिए घमंड और स्वार्थ को कभी अपने स्वभाव में ना आने दें।
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