Chanakya Niti: मानव जीवन के हैं चार प्रमुख लक्ष्‍य, इन्‍हें न हासिल कर पाने वाला होता है मृतक के समान

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य ने नीतिशास्‍त्र में जीवन को सफल बनाने के कई उपाय बताएं हैं। आचार्य के अनुसार, इस धरती पर मनुष्‍य के रूप में किसी व्‍यक्ति का जन्‍म किसी कारण से होता है। इसलिए मानव जीवन को व्‍यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। व्‍यक्ति को अपने जीवन में चार में से एक अहम लक्ष्‍य जरूर हासिल करना चाहिए।

Chanakya Niti For Life
मानव जीवन के चार प्रमुख लक्ष्‍य पाना जरूरी  
मुख्य बातें
  • मनुष्‍य को जीवन का लक्ष्‍य हासिल करना जरूरी
  • बिना लक्ष्‍य व कार्य का जीवन मृतक के समान
  • मनुष्‍य के लिए मोक्ष होता है जीवन का अंतिम पड़ाव

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में एक साधारण व्‍यक्ति से सफल बनने के बहुत सारे उपाय बता गए हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान के रूप में हर व्‍यक्ति का जन्‍म इस धरती पर किसी न किसी कारण से हुआ है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए कुछ ऐसे काम भी करने चाहिए, जिसे लोग बाद में भी भूल न पाएं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में एक श्लोक के माध्‍यम से जीवन के चार लक्ष्‍य बताएं हैं। आचार्य के अनुसार सभी मनुष्‍य को इन चार चीजों में से एक चीज जरूर हासिल करना चाहिए, नहीं तो व्‍यक्ति का जीवन व्‍यर्थ चला जाता है।

श्लोक

धर्मार्थकाममोश्रेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते।

जन्म जन्मानि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्॥

धर्म

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, मनुष्‍य चाहे जिस भी धर्म का हो, उसे अपने धर्म का पालन जरूर करना चाहिए। क्योंकि हर धर्म व्यक्ति को जीवन के सही रास्ते पर ले जाता है। इसका पालन करने वाले व्‍यक्ति का कर्म भी अच्छा रहता है।

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काम

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो भी मनुष्‍य के रूप में जन्म लेता है, उसे जीवन में कुछ न कुछ काम अवश्य करना चाहिए। जो लोग बिना कुछ किए जीवन बिताते हैं, वे अपने परिवार व समाज पर बोझ होते हैं, ऐसे लोग अंत में अपने जीवन के साथ अपने कुल को नष्‍ट कर देते हैं।

धन

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, किसी भी व्‍यक्ति के पास एक सुखी जीवन बिताने के लिए धन का होना बेहद जरूरी है। धन पाने के लिए व्यक्ति को लक्ष्य तय करना जरूरी होता है। जिस व्यक्ति के पास लक्ष्य नहीं होता है, वह धन संचय नहीं कर पाता है।

मोक्ष

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसानी जीवन का अंतिम पड़ाव मोक्ष होता है। व्यक्ति अपने लक्ष्य, काम और कर्म से मोक्ष की प्राप्ति करता है। सिर्फ अच्छे कर्म करने वालों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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