Diwali Pooja best time today : दीपावली पूजा के लिए उत्तम फलदायी पूजा सामग्री और शुभ मुहूर्त, यहां जानें सब कुछ

आध्यात्म
Updated Nov 07, 2018 | 17:21 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Diwali Pooja best time today : दीपावली का त्योहार बुधवार को पूरे देश और दुनिया में मनाया जा रहा है। इस दिन माता लक्ष्‍मी और गणेश जी की पूजा होती है। यहां जानें दीपावली की पूजा सामग्री और उत्तम मुहूर्त।

Laxmi Pooja
Laxmi Pooja 

Diwali Pooja best time today : आज बुधवार को देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में दीपों और रोशनी का पर्व दीपावली मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम के साथ ही माता लक्ष्‍मी और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। दीपावली का पूजन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में किया जाता है। वृष और सिंह स्थिर लग्न है। सिंह लग्न के समय अमावस्या का अभाव है। यह दिन स्वाति नछत्र सूर्योदय काल से लेकर 19.37 तक रहेगा, इसके बाद विशाखा लग जाएगा। प्रदोष काल का समय गृहस्थ और व्यापारियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। प्रदोष काल का मतलब होता है दिन और रात्रि का संयोग काल।

दिन भगवान विष्णु का प्रतीक है और रात्रि माता लक्ष्मी का प्रतीक है। धर्म सिंधु के अनुसार प्रदोष काल अमावस्या निहित दीपावली पूजन को सबसे शुभ मुहूर्त है। शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा होती है। लक्ष्मी जी के पूजन लिए विभिन्न पूजा सामग्री की जरूरत होती है। दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल के अलावा कई चीजें आवश्यक हैं। जैसे पान, चावल, गन्ना, बताशे या गुड़, तिलक, लच्छा या धागा, कौड़ी, स्वास्तिक, वंदनवार जरूरी समग्री हैं।

1. प्रदोष काल का समय- सायं 17.27 से 20.05 तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा। वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
2. वृष लग्न - दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं। वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा।
3. निशीथ काल - 20.11 से 22.51 तक लगेगा। यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्‍छा है। इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।
4. महानिशीथ काल - 23.14 से 24.06 तक। इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा।

सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त- 
1. गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें।
2. व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है।
3. छात्र प्रदोष काल में पूजन करें।
4. आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें।
5. सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें।
6. तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें।

ये है लक्ष्मी पूजा की आवश्यक समग्री
लक्ष्मी के ऐरावत हाथी की प्रिय खाद्य-सामग्री ईख है। बताशे या गुड़ दिवाली पर्व के मांगलिक चिह्न हैं। पूजन के समय तिलक लगाया जाता है ताकि मस्तिष्क में बुद्धि, ज्ञान और शांति का प्रसार हो। लच्छा या धागा पूजा के समय कलाई पर बांधा जाता है। लक्ष्मी पूजन की थाली में कौड़ी रखने की पुरानी परंपरा है।

यह काम करने से धन बढ़ता है। स्वास्तिक की चार भुजाएं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम चारों दिशाओं को दर्शाती हैं। आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इससे सभी देवी-देवता आकर्षित होते हैं। पान घर की शुद्धि करता है और चावल घर में कोई धब्बा नहीं लगने देते। इसके अलावा दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल भी पूजा के लिए जरूरी माने जाते हैं।

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर