Panchak: 09 सितंबर से पंचक की शुरुआत हो चुकी है जो मंगलवार, 13 सितंबर तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार पंचक में खरीदारी, शुभ और मांगलिक कार्य पूर्णत: वर्जित माने जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि पंचक में किसी इंसान की मृत्यु हो जाए तो वो अपने साथ परिवार के पांच अन्य सदस्यों को भी लेकर जाता है। इसलिए पंचक में कुछ खास बातें ध्यान में रखना बहुत जरूरी माना जाता है। इसमें जरा सी लापरवाही इंसान के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती है। आइए आज आपको बताते हैं कि पंचक लगने के बाद कौन से कार्य नहीं किए जाने चाहिए।
पंचक पांच तरह के होते हैं। पंचक का नाम दिन के आधार पर तय होता है। इस बार पंचक शुक्रवार से शुरू हो रहा है तो इसे 'चोर पंचक' कहा जाता है। इसी तरह रविवार से शुरू होने वाले पंचक को 'रोग पंचक', सोमवार को 'राज पंचक', मंगलवार को 'अग्नि पंचक' और शनिवार को 'मृत्यु पंचक' कहा जाता है। बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक में पांच बुनियादी नियमों को छोड़कर सभी कार्य किए जा सकते हैं।
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पंचक में ना करें ये 5 गलतियां
1. पंचक में लकड़ी इकट्ठा करना या उन्हें खरीदकर घर लाना वर्जित माना गया है।
2. इन पांच दिनों में घर की छत बनवाना या उसकी मरम्मत करवाना भी वर्जित है।
3. इन दिनों शवदाह करना भी अनुचित माना जाता है।
4. पंचक में पलंग या चारपाई बनवाने की भी मनाही है।
5. पंचक में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसे यम की दिशा माना जाता है।
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पंचक का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचक शुक्रवार, 09 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर मंगलवार, 13 सितंबर को सुबह 06 बजकर 36 मिनट तक रहेंगे। इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य ना करने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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