नई दिल्ली: रमजान का पवित्र महीना खत्म गुरुवार यानी 13 मई को खत्म होने वाला है। गुरुवार को 30वां रोजा है, जिसके बाद दुनियाभर के मुसलमानों के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक ईद-उल-फितर या मीठी ईद मनाई जाएगी। हालांकि, चांद नजर नहीं आने से एक दिन का इंतजार बढ़ गया। देश में 12 मई को चांद देखने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 13 मई को ईद के चांद का दीदार हो सकता है। हालांकि, अगर आज भी चांद नहीं दिखा तब भी शुक्रवार को भारत में ईद मनाई जाएगी, क्योंकि रमजान के 30 रोजे पूरे हो चुके हैं। रमजान खत्म होते ही शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। शव्वाल इस्लामिक कैलेंडर का 10वां महीना है।
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13 मई को चांद नहीं दिखा तब भी 14 मई को ही होगी ईद
दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में बुधवार को ईद का चांद नजर नहीं आया इसलिए ईद-उल-फितर का त्यौहार शुक्रवार को मनाया जाएगा तथा गुरुवार को 30वां और आखिरी रोज़ा होगा। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्सों में ईद का चांद नज़र नहीं आया है, इसलिए ईद का त्यौहार शुक्रवार 14 मई को मनाया जाएगा। गुरुवार को 30वां रोज़ा होगा और शव्वाल (इस्लामी कलेंडर का 10वां माह) की पहली तारीख शुक्रवार को होगी। शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है।
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ईद के मद्देनजर दिल्ली के दो शाही इमामों की अपील
दिल्ली की मुगलकाल की दो ऐतिहासिक मस्जिदों के शाही इमामों ने सोमवार को अलग अलग वीडियो जारी कर मुस्लिम समुदाय से कोरोना वायरस महामारी की वजह से आगामी ईद -उल-फित्र की नमाज़ घर में ही अदा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक,कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खतरा भी है और लिहाज़ा 13 या 14 मई को ईद उल फित्र है और हालात की नज़ाकत को देखते हुए मेरी अपील है कि ईद की नमाज़ अपने घरों में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के हालात में शरीयत (इस्लामी कानून) घर में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त देती है। मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि रमज़ान में हमने घरों में रहकर इबादत की। पिछले साल हमने घरों में ही ईद की नमाज़ अदा की थी। बीमारी का डर अब भी मौजूद है तथा संक्रमण बहुत ज्यादा है। लिहाजा सभी लोगों से अपील करूंगा कि ईद वाले दिन भी मस्जिद की तरफ न आएं बल्कि घरों में ही इबादत करें। शरीयत में इसकी इजाज़त मौजूद है।
30 दिन के रोजे के बाद आती है मुबारक ईद
मुसलमानों के लिए अभी इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना ‘रमज़ान’ चल रहा है जिसमें समुदाय के लोग रोज़ा (व्रत) रखते हैं। यह महीना ईद का चांद नज़र आने के साथ खत्म होता है। इस्लामी कलेंडर में एक महीना 29 या 30 दिन का होता है और यह चांद पर निर्भर करता है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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