भगवान गणपति हर तरह की मनोकामना पूरी करते हैं। विघ्नहार्ता अपने भक्तों को सफलता, बुद्धि पुत्ररत्न, धन और समृद्धि सब कुछ देते हैं। इसलिए इनकी पूजा भी उतने ही तनमयता और विधि- विधान के साथ करनी चाहिए। संकटहरण का जन्म का भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष को हुआ था। इस दिन आपको एक बात का और ध्यान जरूर रखना चाहिए, वह यह कि गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन न करें। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन से झूठे आरोप या चोरी का कलंक लग सकता है।
पूजन में कुछ सावधानी भी रखनी चाहिए ताकि पूजा खंडित न हो। इसके अलावा पूजन सामग्री की लिस्ट बना लें ताकि पूजा करते समय कुछ भूल न रहे। तो आइए गणेश चतुर्थी पूजन विधि पूजन सामग्री और विसर्जन विधि के बारे में जानें।
गणेश चतुर्थी के लिए आवश्यक पूजन सामग्री की लिस्ट
गणपति स्थापना की चौकी,चौकी पर बिछाने के लिए लाल आसन,जल के लिए कलश,भोग के लिए पंचामृत,रोली , मोली , लाल चन्दन,जनेऊ,गंगाजल,सिन्दूर,चांदी का वर्क,लाल फूल और माला, दूर्वा या दूब,इत्र,मोदक या लडडू,नारियल, गुड़ और खड़ा धान, सुपारी,लौंग ,इलायची, धानी, हरे मूंग, फल,पंचमेवा,घी का दीपकधूप , अगरबत्ती, कपूर
गणपति पूजा में इस बात का रखें विशेष ध्यान
ऐसे करें सोलह उपचारों से वैदिक मंत्रों का जाप
गणपति जी की सोलह उपचारों से वैदिक मन्त्रों के जापों के साथ पूजा की जाती है। इसे षोडशोपचार पूजा कहते हैं। इस पूजा में भगवान गणपति को प्रातःकाल, मध्याह्न और सायाह्न पूजा जाता है, गणेश-चतुर्थी के दिन मध्याह्न का समय गणेश-पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है क्योंकि मध्याह्न में ही उनका जन्म हुआ था। श्रीगणेश की पार्थिव प्रतिमा बनाकर उसे प्राणप्रतिष्ठित करें। इसके बाद पूजन-अर्चन अपनी श्रद्धा के अनुसार एक से दस दिन तक प्रभु की पूजा की जाती है फिर उनका विर्सजन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी की षोडषोपचार पूजन प्रक्रिया
1. गणपति जी का आह्वान करने के बाद उनका आसन लगाएं।
2. हाथ में जल लेकर मंत्र पढ़ते हुए प्रभु के चरणों में अर्पित करें
3. प्रभु को अर्घ्य और मंत्र पढ़ते हुए 3 बार जल छोड़ें
4. पान के पत्ते या दूर्वा से जल ले कर प्रभु पर छींटे दें।
5. वस्त्र , जनेऊ, आभूषण पहनाएं
6. इत्र छिड़कें और चंदन का तिलक करें
7. पुष्प,दीप, धूप दिखाएं के बाद फल, मिठाई, मेवा और पान चढ़ाएं।
8. अंत में प्रदक्षिणा व पुष्पांजलि करें। अंत में आरती गाएं।
गणेश चतुर्थी के लिए पूजा की तैयारी पहले से कर लें तो आपको पूजा के समय किसी चीज के भूलने कि आशंका नहीं रहेगा। विधिवत पूजा कर सभी को प्रसाद जरूर बांटें।
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