Govardhan Maharaj Ji Ki Aarti & Puja Mantra Lyrics In Hindi:दीपावली बहुत जल्द आने वाला है। दीपावली के ठीक कल होकर गोवर्धन पूजा पूरे भारत में श्रद्धा पूर्वक मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन गोवर्धन भगवान की पूजा करने से भगवान श्री हरि बहुत प्रसन्न होते हैं।
हिंदू शास्त्र में इस दिन भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है। यह हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पहले दिन मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा जीवन के सभी कष्टों को दूर कर देता है। यदि आप भी भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद खुद के ऊपर बनाएं रखना चाहते हैं, तो गोवर्धन पूजा में इस मंत्र और आरती को जरूर पढ़ें। यहां आप गोवर्धन पूजा का मंत्र और आरती देखकर शुद्ध-शुद्ध पढ़ सकते हैं।
गोवर्धन पूजा का मंत्र (Govardhan Puja puja mantra)
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
गोवर्धन भगवान की आरती (Govardhan Maharaj Ji Ki Aarti)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
और चकलेश्वर विश्राम
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,
तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण।
करो भक्त का बेड़ा पार
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
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