Guru Brihaspati Temple: काशी के इस मंदिर में साक्षात विराजमान है गुरु बृहस्पति, होती है व‍िशेष पूजा

काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर बसा हुआ है। यहां भगवान शिव के मंदिर के अलावा गुरु बृहस्पति का भी मंदिर बेहद प्रसिद्ध है।

Guru Brihaspati Temple
Guru Brihaspati Temple 
मुख्य बातें
  • काशी का गुरु बृहस्पति देव का मंदिर काफी प्राचीन है
  • इस मंदिर में हर मनोकामनाएं होती है पूर्ण 
  • भगवान शिव शंकर ने गुरु बृहस्पति को दी थी रहने की जगह

Guru Brihaspati Temple: हिंदू धर्म के अनुसार काशी नगरी भगवान शिव शंकर के त्रिशूल पर बसी हुई है। गंगा नदी के किनारे बसा काशी शहर बेहद पवित्र धार्मिक स्थानों में से एक है। ऐसा मान जाता है, कि यहां के हर मंदिर में भगवान शिव शंकर निवास करते है। शास्त्रों के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए यह स्थान सबसे उत्तम माना जाता है।

ज्योतिष के अनुसार जब भोलेनाथ स्वयं इस नगर को बसा रहे थे, उस वक्त उन्होंने गुरु बृहस्पति को भी यहां रहने की जगह दी थी। काशी में स्थित गुरु बृहस्पति देव का यह मंदिर लोगों की हर मनोकामना को पूर्ण करता है। इस मंदिर में गुरु बृहस्पति देव की पूजा आराधना की जाती है। गुरु बृहस्पति नौ ग्रहों के स्वामी माने जाते हैं। इनकी पूजा आराधना करने से जीवन में आने वाले सभी संकट हमेशा के लिए दूर हो जाते है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से गुरु बृहस्पति देव की पूजा आराधना करने से सभी ग्रह दोष शांत हो जाते है। 

गुरु बृहस्पति को धन और बुद्धि के देवता के रूप में भी जाना जाता हैं। हिंदू शास्त्र के अनुसार इस मंदिर में गुरु बृहस्पति साक्षात मौजूद है। आपको बता दें कि इस मंदिर में मनोकामना को पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु गुरु बृहस्पति के चरण में चंदन और हल्दी का भी चढ़ाते हैं। काशी के इस मंदिर में गुरुवार के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है। संतान की प्राप्ति करने के लिए श्रद्धालु यहां दूर-दूर से आकर गुरु बृहस्पति की पूजा आराधना करते है।



ग्रह दोष से पीड़ित लोग अपनी ग्रह दशा को शांत करवाने के लिए इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी करवाते है। काशी में स्थित गुरु बृहस्पति देव का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है। प्राचीन मंदिर होने के कारण यहां श्रद्धालुओं की भीड़ काफी लगती है। यदि आप भी अपनी मनोकामना को पूर्ण करना चाहते है, तो काशी में स्थित गुरु बृहस्पति देव के मंदिर का दर्शन एक बार जरूर करें।

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