Hukamnama in Golden Temple : गुरुद्वारे में क्‍या होता है हुकमनामा, जानें प्रकाश सेवा के बारे में

आध्यात्म
Updated Nov 22, 2018 | 21:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Hukamnama in Golden Temple Amritsar : सुबह के समय गुरु ग्रंथ साह‍िब जी को खोलने पर जो पहला शब्‍द सामने आता है, उसे उस द‍िन की दीक्षा का मान गुरु का हुकमनामा कहा जाता है। जानें इस बारे में व‍िस्‍तार से

Hukumnama in Golden Temple amritsar guru granth sahib prakash seva guru nanak dev ji gurpurab
Golden Temple, Amritsar   |  तस्वीर साभार: Twitter

Hukamnama in Golden Temple : गुरुद्वारों में सुबह के समय गुरु की ओर से मिलने वाले ज्ञान को हुकमनामा कहा जाता है। यह गुरु ग्रंथ साहिब से चुना जाता है। सुबह के समय तय न‍ियमों के अनुसार गुरु ग्रंथ साहिब को खोला जाता है। इस क्र‍िया को प्रकाश सेवा कहते हैं। इसके बाद गुरु ग्रंथ साहिब का कोई भी पेज खोला जाता है। इस पर आने वाला पहला शब्‍द (वाक्‍य) उस द‍िन की गुरु जी की ओर से श‍िक्षा बनता है। इस श‍िक्षा को हुकमनामा कहा गया है और स‍िख पूरा द‍िन इस पर व‍िचार करते हैं और इसे अमल में लाते हैं। 

गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। यही हरिमंदिर साहिब अब स्‍वर्ण मंद‍िर यानी गोल्‍डन टेंपल के नाम से मशहूर है और यहां मत्‍था टेकने के लिए विदेशों से भी लोग पूरी भक्‍ति के साथ आते हैं। यहां आना लंगर छकने के बिना अधूरा माना जाता है जहां सभी भेदभाव मिटाकर सभी पंगत में बैठकर गुरु के घर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। 

यहां पढ़ें अृमतसर के स्‍वर्ण मंद‍िर का आज का हुकुमनामा 
also read : कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहा है ये दुर्लभ संयोग

गुरु ग्रन्थ साहिब जी
गुरु ग्रन्थ साहिब जी में कुल 1430 पृष्‍ठ हैं। इसमें 10 स‍िख गुरुओं के साथ 30 अन्य हिन्दू और मुस्लिम संतों की बाणी भी शामिल है। जयदेवजी, परमानंदजी, कबीर, रविदास, नामदेव, सैण जी, सघना जी, धन्ना जट्ट के साथ ही शेख फरीद के श्‍लोक भी इसमें सम्‍म‍िल‍ित हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा शब्‍द कबीरदास जी के हैं। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का लेखन गुरुमुखी ल‍िप‍ि में हुआ है। 

गुरु ग्रन्थ साहिब जी को 1604 ई. में स‍िखों के पांचवें गुरु,  गुरु अर्जुनदेव जी ने संगृह‍ित किया था। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का गुरु की भांत‍ि सम्‍मान किया जाता है। इसल‍िए इनको हमेशा रेशमी वस्‍त्रों में ऊंची गद्दी पर 'पधराया' जाता है। साथ ही इन पर चंवर झला जाता है और इनको श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया जाता है। 

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर