ओड़िशा के पुरी में हर साल आयोजित होने वाले जगन्नाथ रथ यात्रा का इतिहास बेहद पुराना है। यह भारत में हिंदुओं का एक बड़ा फेस्टिवल है। इसमें भगवान जगन्नाथ की रथ पर सवारी निकाली जाती है इस यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व माना जाता है।
भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का धार्मिक के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। पुरी में आयोजित होने वाले इस रथ यात्रा पर पूरे देश की नजर रहती है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं का भारी भीड़ जुटती है। आज हम आपको इस रथ यात्रा के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं-
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से फैली माहमारी को देखते हुए इस साल के रथ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। 23 जून को पुरी मेंभगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलने वाली थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हम कोरोना महामारी के बीच इसकी इजाजत देगे तो भगवान जगन्नाथ भी हमे माफ़ नहीं करेंगे। बताया जाता है कि 10 दिनों तक चलने वाले इस यात्रा में करीब 10 से 12 लाख लोगों के जमा होने की उम्मीद थी। इतनी भारी भीड़ में कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए ही इस साल के लिए यात्रा पर रोक लगा दी गई है।
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