Shri Krishna Janmashtami 2022 Date Puja Shringaar: हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार के नाम से जाना जाता है। इस बार जन्माष्टमी गुरुवार 18 अगस्त 2022 को मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के दिन पूरे दिन व्रत रखा जाता है और कृष्ण के जन्म के बाद मध्य रात्रि में घर और मंदिरों में पूजा-पाठ होती है। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों में बाल गोपाल के लिए विशेष पूजा का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग रात्रि जागरण भी करते हैं।
जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी का विशेष श्रृंगार किया जाता है। उन्हें रंग-बिरंगे सुंदर वस्त्र पहनाये जाते हैं और बांसुरी, मोरपंख, पाजेब, काजल, मुकुट, जैसी चीजों से उनका श्रृंगार किया जाता है। जन्माष्टमी पर आप भी इन चीजों से कान्हा जी का श्रृंगार जरूर करें। जानते हैं कान्हा जी के विशेष श्रृंगार और आभूषणों के बारे में।
इन चीजों से करें बाल गोपाल का श्रृंगार, जानें महत्व
कान्हा जी के वस्त्र
जन्माष्टमी के मौके पर बाल गोपाल को नए और सुंदर वस्त्र पहनाएं। मार्केट में कान्हा जी के लिए कई सुंदर और रंगबिरंगे वस्त्र मिलते हैं। आप पीले, हरे, लाल, नारंगी रंगों वाले वस्त्र कान्हा जी को पहना सकते हैं। इसके साथ ही आजकल मोरपंख से बने, फूलों वाले, मीनाकारी, जरदोरी जैसे वस्त्र भी मिलते हैं, जिसे आप से कान्हा जी को पहना सकते हैं।
पगड़ी या मुकुट
जन्माष्टमी पर बाल गोपाल के सिर पर छोटी सी पगड़ी जरूर पहनाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि इस पर मोर का पंख जरूर लगा हो। क्योंकि कृष्ण को मोर का पंख अतिप्रिय है। माता यशोदा भी जब कृष्ण का श्रृंगार करती थी तो उनकी पगड़ी में मोर का पंख लगाती थी।
बांसुरी
श्रीकृष्ण की सभी प्रतिमा या तस्वीरों में वे अपने हाथ में बांसुरी लिए हुए नजर आते हैं। कहा जाता है कि बांसुरी में उनके प्राण बसते है। जन्माष्टमी के दिन आप छोटी सी बांसुरी या फिर चांदी की बांसुरी कान्हा जी के हाथों मे जरूर रखें। इसके बिना कान्हा का श्रृंगार अधूरा माना जाता है।
कड़े और बाजूबंध
आभूषण में आप कड़े और बाजूबंध से कृष्ण के हाथों का श्रृंगार कर सकत हैं। आप चाहे तो चांदी, सोना या मेटल आदि से बने किसी भी धातु के कड़े कान्हा जी को पहना सकते हैं।
कुंडल और कमरबंध
श्रीकृष्ण के कानों में जन्माष्टमी के दिन उनका श्रृंगार करते हुए सोने, चांदी या मोती से बने कुंडल जरूर पहनाएं। साथ ही कमर में कमरबंध भी पहनाएं।
पाजेब
आप जन्माष्टमी पर चांदी से बने पाजेब या पायल बाल गोपाल के चरणों में पहना सकते हैं।
माला
श्रीकृष्ण वैजयंती माला सबसे प्रिय होती है। इसलिए जन्माष्टमी पर आप उन्हें ये माला पहनाएं। इसके अलावा आप मोतियों की माला, पीले और लाल फूलों की माला से भी कान्हा का श्रृंगार कर सकते हैं।
काजल
काजल के बिना तो श्रृंगार अधूरा होता है। माता यशोदा अपने कान्हा का श्रृंगार करने के बाद उन्हें काजल जरूर लगाती थी। क्योंकि उनके सांवले सलोने रूप को बृजवासियों की नजर न लगे। जन्माष्टमी बाल गोपाल का काजल से श्रृंगार जरूर करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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