Kabirdas Jayanti 2021: संत कबीरदास के सुंदर और जीवंत दोहे, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मनाई जा रही जयंती

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर संवत 1455 में संत कबीरदास का जन्म हुआ था। वह भक्तिकाल के महान कवियों में से एक माने जाते हैं जिन्होंने कई महाकाव्यों की रचना की। उनके दोहे आज भी मशहूर हैं।

kabirdas jayanti kab hai, sant kabirdas jayanti 2021, sant kabirdas jayanti 2021 in hindi, sant kabirdas jayanti 2021 date, kabirdas ke dohe, kabirdas ke dohe in hindi, कबीर दास जयंती, कबीरदास जयंती 2021, कबीरदास जयंती 2021 कब है,
कबीरदास जयंती 2021 कब है 
मुख्य बातें
  • संवत 1455 में ज्येष्ठ मास के पूर्णिमा तिथि पर हुआ था भक्तिकाल के महान कवि संत कबीरदास का जन्म।
  • संत कबीरदास भारतीय मनीषा के पहले विद्रोही जाने जाते हैं, उन्होंनें अंधविश्वास के खिलाफ विद्रोह किया था।
  • संत कबीरदास ने अपने जीवन में कई सुंदर महाकाव्यों की रचना की है जो आज भी प्रासंगिक हैं।

Kabir jayanti 2021 and Dohe: संत कबीरदास भक्तिकाल के महान कवि रहे हैं, जो जीवन समाज को सुधारने के लिए समर्पित रहे हैं। कबीरदास को कर्म प्रधान कवि भी कहा गया है, उनका नाम हिंदी साहित्य में उत्तम योगदान के लिए भी रहा है। कबीर की रचनाएं (Kabir ke Dohe) बहुत खूबसूरत और सजीव हैं जिनमें समाज की झलकियों को दर्शाया गया है। वह कवि होने के साथ समाज कल्याण और समाज हित के काम में भी व्यस्त रहते थे। उनकी उदारता के लिए उन्हें संत की उपाधि भी दी गई थी। वह भारतीय मनीषा के पहले विद्रोही संत थे, उन्होंने अंधविश्वास और अंधश्रद्धा के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी।

उन्होंने अपने जीवन में कई सुंदर, अद्भुत और मधुर महाकाव्यों की रचना की है। संत कबीरदास का जन्म मुस्लिम परिवार में संवत 1455 में हुआ था, वह जात-पात में विश्वास नहीं रखते थे। वैसे तो संत कबीरदास के जन्म का प्रमाण नहीं मिलता है लेकिन कहा जाता है कि जिस दिन संत कबीरदास का जन्म हुआ था उस दिन ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा थी। संत कबीरदास की जन्मतिथि को कबीरदास जयंती के नाम से जाना जाता है।

यहां जानें इस वर्ष कबीरदास जयंती कब है। (Kabir Das Jayanti Date Hindi)

कबीरदास जयंती 2021 तिथि और मुहूर्त
कबीरदास जयंती तिथि: - 24 जून 2021, गुरुवार
ज्येष्ठ पूर्णिमा प्रारंभ: - 24 जून 2021, सुबह (03:32)
ज्येष्ठ पूर्णिमा समापन: - 25 जून 2021, सुबह (12:09)

कबीरदास जी के प्रसिद्ध दोहे (Kair Das ke Dohe Hindi)

कबीरदास जी के दोहे बहुत सुंदर और सजीव हैं, उनकी रचनाएं जीवन के सत्य को प्रदर्शित करती हैं। भक्तिकाल के कवि संत कबीरदास की रचनाओं में भगवान की भक्ति का रस मिलता है। कबीरदास जयंती पर आप यहां संत कबीरदास के दोहे पढ़ सकते हैं।

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे को होय।।

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।

साई इतना दीजिये तामें कुटुम समाये।
मैं भी भूखा न रहूँ,साधु न भूखा जाये।।

निंदक नियरे राखिये, आँगन कुटी छवाय।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।।

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप ।
अति का भला न बरसना, अति की भली न घूप ।।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर