करवा चौथ पूजा: करवा चौथ पर चांद देखने के बाद ना भलें ये काम, सरगी में भी रखें ये चीजें

आध्यात्म
Updated Oct 26, 2018 | 12:27 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Karwa Chauth Vrat Pooja Vidhi:हर साल Karwa Chauth पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दौरान महिलाओं के लिए लाल टीका लगाना जरूरी होता है।

Karwa Chauth 2018
करवा चौथ में चांद को जल से अर्ध्य देने के बाद व्रत संपन्न होता है।   |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्ली: करवा चौथ व्रत पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महिलाएं सुहागिन रहने के लिए करती हैं। करवा चौथ (Karva Chauth) का पर्व दिवाली से नौ दिन पहले मनाया जाता है। करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है। इस बार करवा चौथ का व्रत शनिवार को यानी 27 अक्टूबर को है। छठ पर्व में महिलाएं ढलते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है। जबकि करवा चौथ में चांद को जल से अर्ध्य देने के बाद व्रत संपन्न होता है। 

इस व्रत को शादीशुदा महिलाओं के साथ कुंवारी लड़कियां भी रखती है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी मनोवांछित वर के लिए या होने वाले पति की खातिर निर्जला व्रत रखती हैं। बाद में चांद को देखने के बाद अपना व्रत खोलती है। रात के समय चंद्रमा को जल से अर्घ्‍य देने के बाद ही करवा चौथ का व्रत संपन्‍न होता है। ऐसी  मान्‍यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से अखंड सौभाग्‍य का वरदान मिलता है। इस दौरान आपको इन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

  1. पूजा की सामग्री एक थाली में पहले से तैयार रखें।
  2. छलनी: इसीके जरिए व्रती महिलाएं चांद देखती है। फिर इसके बाद इसीके जरिए अपने पति का चेहरा देखना होता है।
  3. सरगी: करवा चौथ के दिन सरगी का भी विशेष महत्‍व है। सरगी में सूखे मेवे, नारियल, फल और मिठाई खाई जाती है। अगर सास नहीं है तो घर का कोई बड़ा भी अपनी बहू के लिए सरगी बना सकता है।
  4. करवा: इस व्रत में इसका भी काफी महत्व होता है। पूजा के दौरान करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। करवा में गेहूं और ढक्‍कन में शक्‍कर का बूरा भर दें। 
  5.  बया: बया लड़की की मां की तरफ से लड़की के ससुराल भेजे जाने वाली सामान होता हैं।  इसमें पैसे, कपड़े, मिठाई और फल के साथ गहने भी होते हैं जो करवाचौथ की पूजा पर महिलाएं पहनती हैं। दरअसल इसमें दुल्हन के कपडे़ और श्रंगार का सामान होता है जिसे महिलाएं पहनती है। 
  6. सिंदूर या कुमकुम: महिलाओं के लिए लाल टीका लगाना जरूरी होता है।
  7. लाल मौली जिसे कलावा भी कहते हैं, वह भी आपके पास जरुर होना चाहिए।
  8. चढ़ावा के लिए कुछ पैसे भी अपने पास रखें।

चांद दिखने के बाद इसे करना नहीं भूलें 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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  1. पानी का लोटा और 13 दाने गेहूं के अलग रखें।
  2. चंद्रमा के निकलने के बाद छलनी की ओट में पति को देखें और फिर चन्द्रमा को अर्घ्‍य दें।
  3. चंद्रमा को अर्घ्‍य देते वक्‍त पति की लंबी उम्र की कामना करें।
  4. फिर पति को प्रणाम कर आशीर्वाद लें और उनके हाथ से जल ग्रहण करें और फिर साथ में भोजन कर लें।

करवा चौथ के दिन कब दिखेगा चांद ?

 
इस दिन आमतौर पर ऐसा होता है कि चांद काफी इंतजार के बाद दिखते है। चांद का दिखना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि व्रत चांद देखने और अर्ध्य देने के बाद ही पूर्ण होता है। उसके बाद छलनी की ओट से पति को भी देखना होता है। इस बार करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त सायंकाल 6:35 से रात 8:00 तक है। अर्घ्य रात 8 बजे के बाद चांद देखने के बाद दिया जा सकता है। चंद्रोदय सायंकाल 7:38 बजे के बाद है वहीं चतुर्थी तिथि का आरंभ 27 अक्टूबर को रात में 07:38 बजे से है। चंद्रोदय यानी चांद के दिखने का समय रात्रि 7 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ सुहागिन महिलाओं का प्रमुख व्रत है और जो भी महिला पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत करती है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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