Difference Between Kajari Teej And Hartalika Teej: हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जो महिलाओं के लिए सबसे खास होते हैं। इन त्योहार व व्रत को महिलाएं धूमधाम से मनाती हैं। इन्हीं में से एक त्योहार तीज का होता है। तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पति की लंबी आयु और सुख शांति के लिए प्रार्थना करती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। तीज का व्रत साल में तीन बार मनाया जाता है। एक हरियाली तीज, दूसरी कजरी तीज और तीसरी हरितालिका तीज। इन तीनों तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इन तीनों तीज में भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा व्रत रख करने से हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। तीनों तीज के नाम लगभग एक जैसे है। इसलिए लोगों में इसे लेकर कन्फ्यूजन होती है। तीनों तीज में लगभग समान ही अंतर है। तीनों चीज में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं तीनों तीज में क्या अंतर है।
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हरियाली तीज
हरियाली तीज हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। इसे श्रावण मास की तीज भी कहते हैं। हरियाली तीज में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। यह व्रत कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए रखती हैं। हरियाली तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई को थी जो बीत चुकी है।
कजरी तीज
कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त को रखा जाएगा। कजरी तीज हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भी सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। कजरी तीज को सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है।
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हरितालिका तीज
हरितालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरितालिका तीज का व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा। यह व्रत भी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस व्रत को भी बाकी तीज की तरह निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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