Teja Dashmi 2022 Date: जानिए कब है वीर तेजा दशमी, क्या है इस पर्व का महत्व व कौन थे वीर तेजाजी महाराज

Teja Dashmi 2022 Importance: हिंदू पंचांग के अनुसार तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन वीर तेजाजी महाराज का जन्म हुआ था। वीर तेजाजी महाराज भगवान का अवतार माने जाते हैं।

Teja Dashmi 2022 Date, Teja Dashmi 2022 Time
वीर तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • इस साल तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा
  • इस दिन वीर तेजाजी के पूजन करने की परंपरा है
  • उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में तेजा दशमी का पर्व मनाया जाता है

Teja Dashmi 2022 Date And Time: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन तेजा दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल तेजा दशमी का पर्व 6 सितंबर दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन वीर तेजाजी के पूजन करने की परंपरा है। उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में तेजा दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दिन तेजाजी महाराज के मंदिरों में मेले का आयोजन होता है। जाट समुदाय के आराध्य देव तेजाजी महाराज को सांपों के देव के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि कितना भी जहरीला सांप काट लें यदि तेजाजी तांती बांध दी जाए तो वह जहर उतर जाता है। आइए जानते हैं तेजाजी महाराज कौन थे और क्या है इस पर्व का महत्व।

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जानिए कौन थे वीर तेजाजी ( Teja Dashmi 2022)

वीर तेजाजी महाराज का जन्म नागौर जिले के खड़नाल गांव में ताहरजी और रामकुंवरी के घर माघ शुक्ल चतुर्दशी संवत् 1130 यथा 29 जनवरी 1074 को जाट परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि तेजाजी के माता पिता के संतान नहीं हो रहे थे, तब उनके माता-पिता ने भगवान शिव और माता पार्वती की कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उनके घर तेजाजी का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि जब उनका जन्म हुआ था तब एक भविष्यवाणी हुई थी जिसमें कहा गया था कि उनके घर भगवान खुद अवतार लेंगे। तेजाजी को सांपों का देवता, गायों का मुक्तिदाता, काला-बाला का देवता, कृषि कार्यों का उपकारक देवता, धौलिया वीर इन नामों से भी जाना जाता है।

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निकाली जाती है शोभा यात्रा

यह त्योहार मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के मालवा- निमाड़ और राजस्थान के कई इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है। तेजा दशमी के अवसर पर कई स्थानों में मेले आयोजित किए जाते हैं। कई जगह शोभायात्रा भी निकाली जाती है और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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