Krishna Janmashtami 2022 Banke Bihari Temple Vrindavan Today Live Darshan & Aarti: देश भर में भगवान कृष्ण का जन्मदिन यानी जन्माष्टमी का त्योहार शुक्रवार 19 अगस्त को धूमधाम से मनाया गया। जन्माष्टमी के त्योहार पर हर साल मथुरा वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari temple vrindavan) में भारी संख्या में भगवान श्री कृष्ण के भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए उमड़ती हैं। इस दिन ठाकुर बांके बिहारी का विशेष श्रृंगार होता है। साल में केवल जन्माष्टमी के पर्व पर ही मंगल आरती होती है। इसके अलावा ठाकुर का दूध, दही, घी से अभिषेक किया जाता है। जानिए जन्माष्टमी के त्योहार पर कब होगी मंगल आरती, श्रृंगार सहित हर एक अहम डिटेल्स।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक जन्माष्टमी के दिन यानी 19 अगस्त को सुबह मंदिर के पट 7 बजकर 45 मिनट पर (Banke Bihari temple Vrindavan darshan live) खुलेंगे। मंदिर के प्रबंधक मुनीष शर्मा ने बताया 7 बजकर 55 मिनट पर श्रृंगार आरती दर्शन होंगे। सुबह 11 बजे राजभोग किया जाएगा। 12 बजे छींटा देकर पर्दे को बंद किया जाएगा। इसके बाद शाम को साढ़े पांच बजे से रात साढ़े नौ बजे तक दोबारा दर्शन के लिए खोला जाएगा। नौ बजकर 25 मिनट पर शयन भोग आरती होगी। रात 9.30 बजे पट बंध होंगे। रात्रि 12 बजे बांके बिहारी का महाभिषेक होगा। महाभिषेक के वक्त आम श्रृद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे।
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Krishna Janmashtami 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat
इस वक्त होगी मंगला आरती (Banke Bihari Mandir Mangal Arti Timings)
रात लगभग 1:45 बजे बांके बिहारी के पट आम श्रृद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। रात 1 बजकर 55 मिनट पर मंगला आरती प्रारंभ होगी। दो बजे से लेकर सुबह साढ़े पांच बजे तक भक्त ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे। जन्माष्टमी के दिन ठाकुर जी को रात जगमोहन में विशेष चांदी से निर्मित सिंहासन पर बैठाया जाता है और वह अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। उनका पीले रंग के वस्त्र और आभूषण से श्रृंगार किया जाता है। उन्हें खास थालियों से भोग भी लगाया जाता है। सुबह छह बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
आपको बता दें कि साल में केवल जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती होती है। बाल स्वरूप में ठाकुर जी रात को निधि वन में रास लीला रचाते हैं। केवल जन्माष्टमी के दिन ही उन्हें वह ठाकुर के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। इस कारण बाकी दिनों में केवल श्रृंगार आरती ही की जाती है। इस दिन श्रद्धालु ठाकुरजी को बालक के स्वरूप में देखते और सोने-चांदी के खेल खिलौने भेंट किया करते हैं।
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