Janmashtami Geeta Gyan: भगवान श्रीकृष्ण के गीता में दिए उपदेश आज भी प्रासंगिक है जो उन्होंने महाभारत के इसी युद्ध में कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता (Geeta) का उपदेश दिया था। इसी ज्ञान के बाद अर्जुन को मोह भंग हुआ था और उन्होंने युद्ध भूमि में फिर से युद्ध करने के लिए चल पड़े थे।
भगवान कृष्ण के उपदेश और गीता ज्ञान में अद्भुत संदेश है जो आपको जीवन की राह दिखाते है, कामयाबी की सीढि़यों की तरफ ले जाते हैं और इनमें जीवन के हर सवालों का जवाब और समाधान है।
भगवान कृष्ण गीता ज्ञान
जो हुआ अच्छे के लिए हुआ,
जो हो रहा है वह भी अच्छे के लिए हो रहा है,
जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।
परिवर्तन ही संसार का नियम है।
मनुष्य विश्वास से बनता है, आप जैसा
विश्वास रखते हैं वैसे ही बन जाते हैं।
संदेह के साथ मनुष्य को कभी खुशी नहीं मिल
सकती, न इस लोक में ना ही परलोक में।
आत्मा ना ही जन्म लेती है और ना ही मरती है।
इंद्रियों के अधीन होने से
मनुष्य के जीवन में विकार आता है।
संयम, सदाचार, स्नेह एवं सेवा
यह गुण सत्संग के बिना नहीं आते।
वस्त्र बदलने की आवश्यकता नहीं है
आवश्यकता है ह्रदय परिवर्तन की।
जवानी में जिसने ज्यादा पाप किए हैं,
उसे बुढ़ापे में ज्यादा नींद नहीं आती।
स्त्री का धर्म है कि रोज मां तुलसी
और पार्वती की पूजा अर्चना करें।
पति पत्नी पवित्र रूप से जीवन बिताएं
तो भगवान पुत्र के रूप में
उनके घर आने की इच्छा रखते हैं।
गीता में भगवान कहते हैं मनुष्य जैसा कर्म करता है
उसे उसके अनुरूप ही फल की प्राप्ति होती है। इसलिए
सदकर्मों को महत्व देना चाहिए।
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